Iran explosion: 13 जून 2025 की सुबह मध्य पूर्व के लिए ऐतिहासिक और विनाशकारी रही, जब इजरायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा हमला कर दिया। दर्जनों फाइटर जेट्स और मिसाइलों ने तेहरान, नतांज और इस्फहान जैसे प्रमुख शहरों में सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। इस हमले में ईरान के कई शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख कमांडरों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। इजरायल ने इसे आत्मरक्षा और परमाणु खतरे को खत्म करने की कार्रवाई बताया, जबकि ईरान ने इसे संप्रभुता पर हमला करार देते हुए जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। हमला क्षेत्रीय युद्ध की ओर संकेत कर रहा है, जिससे वैश्विक चिंता और तेल बाजारों में उथल-पुथल बढ़ गई है।
मुख्य रिपोर्ट:
1. Iran पर ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’
इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने बताया कि यह हमला Iran के परमाणु बुनियादी ढांचे और मिसाइल उत्पादन इकाइयों को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए किया गया। मुख्य लक्ष्य नतांज का यूरेनियम संवर्धन केंद्र, तेहरान के मिसाइल केंद्र और इस्फहान की भूमिगत परमाणु साइटें रहीं। रिपोर्टों के अनुसार, 40 से अधिक सैन्य और वैज्ञानिक ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया।
2. शीर्ष ईरानी नेतृत्व को निशाना
इजरायली मीडिया और अमेरिकी खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के चीफ कमांडर हुसैन सलामी और कई वरिष्ठ वैज्ञानिकों की मौत हो गई है। Iran ने इन मौतों की पुष्टि की है लेकिन नुकसान को “सीमित” बताया है। वहीं, IDF का दावा है कि यह पहला चरण था, और आने वाले दिनों में ऑपरेशन जारी रहेगा।
3. क्षेत्रीय और वैश्विक प्रतिक्रियाएं
ईरान ने जवाबी हमले की चेतावनी दी है और अपने हवाई क्षेत्र को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। इराक ने भी सभी हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। अमेरिका ने स्पष्ट किया कि वह इस हमले में शामिल नहीं है, लेकिन उसने इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार को मान्यता दी। सऊदी अरब और तुर्की ने इजरायली कार्रवाई की आलोचना की है, जबकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई गई है।
4. ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान’ पर खतरा?
इस हमले को Iran की राजनीतिक और सैन्य संरचना पर सीधा प्रहार माना जा रहा है। अगर ईरान जवाब देने में असमर्थ रहा, तो उसके शासन की वैधता और अस्तित्व पर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान को सिर्फ जवाब नहीं देना है, बल्कि लड़ाई को फारस की खाड़ी तक ले जाना होगा। इस्लामिक रिपब्लिक के भीतर मौजूद अरब और इजरायली एजेंट भी उसकी आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं।
यह हमला इजरायल-ईरान संघर्ष का निर्णायक मोड़ बन सकता है। पश्चिम एशिया एक और बड़े युद्ध की दहलीज पर खड़ा है, जिसकी चिंगारी तेल से लेकर वैश्विक अर्थव्यवस्था तक को प्रभावित कर सकती है। ईरान की अगली चाल अब पूरे क्षेत्र की दिशा तय करेगी।