नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। इजरायल और ईरान के बीच भीषण युद्ध जारी है। दोनों देशों के आसमानों से मिसाइल-बमों की बारिश हो रही है। आईडीएफ के हमले में अब तक ईरानी आर्मी के 20 से अधिक बड़े कमांडर मारे जा चुके हैं। साथ ही दर्जनभर से ज्यादा साइंटिस्टों के मारे जानें की खबर है। ईरान के पलटवार का असर भी दिख रहा है। इजरायल के कई शहरों में मिसाइलों ने इमारतों को जमींदोज कर दिया है। फिलहाल ईरान-इजरायल के बीच यलगार जारी है। इनसब के बीच एक खबर और सामने आई है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि इजरायल के प्रधानमंत्री ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के खात्में का हुक्म दे दिया है। जिसके बाद आईडीएफ ने खामेनेई के घर को टारगेट करते हुए मिसाइलें दागी हैं।
कौन हैं अयातुल्ला अली खामेनेई
अयातुल्ला अली खामेनेई ईरान के आध्यात्मिक नेता और सुप्रीम लीडर हैं। 85 साल के खामेनेई को साल 1989 में ईरान के संस्थापक अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी की मृत्यु के बाद सर्वोच्च नेता चुना गया। खामेनेई का जन्म साल 1939 में ईरान के उत्तर-पूर्वी शहर मशहद में हुआ। उनके पिता शिया धार्मिक गुरु थे। खामेनेई कुछ साल के बाद क़ोम शहर चले गए, जिसे शिया बहुत पवित्र मानते हैं। अयातुल्ला अली खामेनेई, साल 1962 में शाह मोहम्मद रेजा पहलवी के खिलाफ़ अयातुल्ला खुमैनी के आंदोलन में शामिल हो गए। शाह मोहम्मद रेजा पहलवी के खिलाफ आंदोलन में खामेनेई कई बार जेल भी गए। साल 1979 में इस्लामी क्रांति के बाद जब ईरान को चलाने के लिए अंतरिम सरकार के साथ-साथ रिवोल्यूशनरी काउंसिल का गठन हुआ तो खामेनेई को इसमें जगह मिली।
8 साल तक ईरान के राष्ट्रपति रहे खामेनेई
कुछ साल के अयातुल्ला अली खामेनेई ईरान के डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर बने। इसके बाद उन्होंने इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स को संगठित करने में ताकत लगा दी, जो अब ईरान की रीढ़ है। ईरान के संविधान के मुताबिक सुप्रीम लीडर या सर्वोच्च नेता ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान की नीतियो के निर्धारक’ होते हैं। इसका मतलब है कि सुप्रीम लीडर ही ईरान की घरेलू और विदेशी नीतियों की दिशा और दिशा निर्धारित करते हैं। ईरान के संविधान में कहा गया है कि शिया मौलवियों का परिषद उस शख़्स को सुप्रीम लीडर चुनेगा जिसे ‘मरजा-ए-तक़लीद’ का पद हासिल हो। एक तरीके से यह शिया मौलवियों के बीच सबसे सर्वोच्च पद है। खामेनेई आठ साल तक ईरान के राष्ट्रपति भी रहे। फिर ईरान के संविधान में परिवर्तन कर खामेनेई को देश का सुप्रीम लीडर बना दिया गया। तब से खामेनेई ईरान को संचालित कर रहे हैं।
जानें कितने ताकतवर हैं अयातुल्ला खामेनेई
ईरान के सुप्रीम लीडर (सर्वोच्च नेता) सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ होता हैं और इस्लामिक रिपब्लिक के खुफिया और सुरक्षा अभियानों को कंट्रोल करते हैं। सुप्रीम लीडर ही किसी देश युद्ध या शांति की घोषणा कर सकते हैं। उनके पास न्यायपालिका, सरकारी रेडियो टेलीविजन नेटवर्क, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के सर्वोच्च कमांडर को नियुक्त करने और बर्खास्त करने की शक्ति है। अयातुल्ला अली खामेनेई ईरान की संरक्षक परिषद के बारह सदस्यों में से छह को भी नियुक्त करते हैं, जो संसद की गतिविधियों की देखरेख करने वाली बॉडी है। अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक खामेनेई के पास 200 बिलियन की संपत्ति है। खामेनेई का तेहरान का पैलेस दुनिया के सबसे महंगे घरों में है। उनकी कमाई का ज्यादा हिस्सा पेट्रोलियम-गैस कंपनियों से आता है। इसके अलावा भारी-भरकम डोनेशन भी मिलता है।
खामेनेई को बंकर में शिफ्ट कर दिया गया
इस बीच रविवार को खबर आई कि इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को मारने की तैयारी कर ली थी। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप के वीटो की वजह से प्लान को ठंडे बस्ते में डालना पड़ा। हालांकि इजरायल की तरफ से ये दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से कोई वीटो नहीं किया गया। वहीं आईडीएफ ने ईरान के सुप्रीम लीडर के घर के पास मिसाइलें दागीं। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इजरायल के पीएम ने खामेनेई के डेथ वारंट पर साइन कर दिए हैं। इस ऑपरेशन की कमान मोसाद को सौंपी गई है। वहीं इजरायल की यह मंशा ईरान पहले ही भांप गया था। खबर है कि तेहरान पर इजरायली हवाई हमलों के कुछ ही घंटों बाद खामेनेई को बंकर में शिफ्ट कर दिया गया।
खामेनेई की तगड़ी की गई सुरक्षा
ईरान इंटरनेशनल की की रिपोर्ट के मुताबिक, यह अंडरग्राउंड बंकर राजधानी के उत्तर-पूर्वी हिस्से लविज़ान में स्थित है। ईरान के अंदरूनी सूत्रों ने पुष्टि की है कि खामेनेई के साथ उनके बेटे मोजतबा सहित पूरा परिवार इस बंकर में मौजूद है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है जब ईरानी नेतृत्व ने ऐसा कदम उठाया है। इससे पहले इजरायल के खिलाफ ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 1’ और ‘ट्रू प्रॉमिस 2’ के दौरान भी खामेनेई और उनके परिवार को इसी बंकर में ले जाया गया था। हालांकि उस समय उनके बेटे मोजतबा साथ थे, लेकिन मसूद और मुस्तफा मौजूद नहीं थे। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि खामेनेई की सुरक्षा पांच लेयर्स की है। जिस बंकर में खामेनेई हैं, उसके 10 किमी के आसपास किसी भी इंसान के आने-जानें पर रोक लगा दी गई है।
ट्रंप ने इस टारगेटेड किलिंग को रोक दिया
इनसब के बीच एक और खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि इजरायल ने ईरान पर जिस दिन पहले अटैक किया, उसी दिन वह खामेनेई को मारने जा रहा था। लेकिन ठीक अंतिम क्षणों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस टारगेटेड किलिंग को रोक दिया। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वॉशिंगटन के उच्च‑पद पर बैठे अधिकारियों ने कहा कि जब तक ईरान ने किसी अमेरिकी नागरिक को नहीं मारा, अमेरिका ईरानी शीर्ष नेतृत्व पर वार की मंजूरी नहीं देगा। हालांकि इस दावे को इजराइल के चैनल-12 ने झूठा बताते हुए कहा है कि उनके लिए कोई भी राजनीतिक नेता अछूता नहीं है, लेकिन ट्रंप के वीटो की पुष्टि नहीं हुई।