Meta layoffs and salary hike फेसबुक की मालिक कंपनी मेटा ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे आम लोग काफी नाराज हैं। एक तरफ कंपनी ने हजारों कर्मचारियों की नौकरी छीन ली, तो दूसरी तरफ बड़े अफसरों की सैलरी और बोनस बढ़ा दिया। अब मेटा के अधिकारी अपनी बेस सैलरी का 200% तक बोनस ले सकते हैं, जबकि पहले यह सिर्फ 75% था।
बोनस बढ़ाने का कारण क्या है
मेटा के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने फरवरी को यह फैसला लिया। उनका कहना है कि मेटा के बड़े अधिकारियों की सैलरी दूसरी कंपनियों के मुकाबले कम थी, इसलिए उन्हें ज्यादा पैसा देने का फैसला किया गया। हालांकि, यह बदलाव मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग पर लागू नहीं होगा, यानी उन्हें इस बढ़े हुए बोनस का फायदा नहीं मिलेगा।
कर्मचारियों को क्यों निकाला गया
मेटा ने यह फैसला ऐसे समय में लिया, जब उसने कर्मचारियों की छंटनी की योजना बनाई थी। हाल ही में कंपनी ने कहा था कि वह 5% कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है। इसके अलावा, कर्मचारियों को मिलने वाले स्टॉक ऑप्शन में भी 10% की कटौती कर दी गई है। इससे उनके भविष्य की कमाई पर असर पड़ेगा।
कमाई बढ़ रही, फिर भी नौकरी क्यों गई
मेटा ने कहा कि वह खर्च कम करने के लिए छंटनी कर रही है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि कंपनी की कमाई लगातार बढ़ रही है। पिछले साल मेटा के शेयरों में 47% की बढ़ोतरी हुई और चौथी तिमाही में 48.39 अरब डॉलर की कमाई हुई। इसके बावजूद, कंपनी ने कर्मचारियों की छंटनी का फैसला किया।
क्या मेटा का फैसला सही है
मेटा का यह कदम बड़ी कंपनियों की सोच को दिखाता है, जो सिर्फ मुनाफे पर ध्यान देती हैं, कर्मचारियों पर नहीं। जहां अफसरों की सैलरी और बोनस बढ़ रहे हैं, वहीं आम कर्मचारियों को उनकी नौकरियों से हाथ धोना पड़ रहा है। इस फैसले को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है और सोशल मीडिया पर भी मेटा की निंदा हो रही है।