Narendra Modi Croatia Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की विदेश यात्रा के आखिरी पड़ाव में बुधवार को क्रोएशिया की राजधानी ज़ाग्रेब पहुंचे। यह दौरा ऐतिहासिक बन गया क्योंकि यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा है। उनके स्वागत में क्रोएशिया सरकार और वहां की जनता ने पूरी गर्मजोशी दिखाई। हवाई अड्डे पर क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेनकोविक ने खुद उनका स्वागत किया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी इस आत्मीय स्वागत के लिए क्रोएशिया सरकार और वहां की जनता का आभार जताया।
गायत्री मंत्र और कथक से हुआ भव्य स्वागत
ज़ाग्रेब में पीएम मोदी का स्वागत एक अनोखे अंदाज़ में हुआ। वहां मौजूद कुछ स्थानीय नागरिकों ने उनके सामने गायत्री मंत्र का उच्चारण किया। यह देख मोदी जी के चेहरे पर मुस्कान फैल गई और उन्होंने भी हाथ जोड़कर मंत्रोच्चारण में हिस्सा लिया। इस दृश्य ने भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान को और भी मजबूत किया। इसके बाद एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें कथक नृत्यांगना एना और उनके छात्रों ने शास्त्रीय नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी। एना ने बताया कि उन्होंने भारत में कथक सीखा है और अब ज़ाग्रेब में अपनी डांस अकादमी चला रही हैं। उन्होंने इसे अपने जीवन का सम्मानजनक पल बताया।
G7 समिट के बाद बढ़ा भारत का प्रभाव
इससे पहले पीएम मोदी ने कनाडा के कनानास्किस में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था। उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा, टिकाऊ विकास और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भारत की नीतियों को दुनिया के सामने रखा। ‘ऊर्जा की पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकृति’ जैसे मूल सिद्धांतों पर उन्होंने जोर दिया और भारत की ओर से ग्लोबल पहल इंटरनेशनल सोलर अलायंस, मिशन LiFE और एक सूर्य-एक विश्व-एक ग्रिड का ज़िक्र किया।
द्विपक्षीय संबंधों की नई दिशा
क्रोएशिया के इस दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्रोएशियाई प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मुलाकातें भी हुईं। इन बैठकों में दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा, तकनीक और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर कई अहम चर्चाएं हुईं। यह यात्रा भारत और यूरोप के संबंधों को और गहराई देने का एक मजबूत कदम मानी जा रही है।
भारत की संस्कृति का सम्मान
पीएम मोदी की यात्रा ने यह साबित कर दिया कि भारतीय संस्कृति और परंपराएं आज दुनिया के कोने-कोने तक पहुंच चुकी हैं। गायत्री मंत्र, कथक और भारतीय मूल्यों के प्रति लोगों की रुचि ने यह दिखा दिया कि भारत अब सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि एक वैश्विक सांस्कृतिक शक्ति बन चुका है।