Quetta Civil Hospital: बलूचिस्तान की प्रांतीय राजधानी क्वेटा के सिविल अस्पताल में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी घुस गए और कई शवों को अपने साथ लेकर भाग गए। माना जा रहा है कि ये शव बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के आतंकवादियों के हैं, जिन्होंने हाल ही में बोलन में जाफर एक्सप्रेस यात्री ट्रेन पर हमला किया था।
सिविल अस्पताल के बाहर यह प्रदर्शन विवादास्पद बलूच अधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच के नेतृत्व वाले संगठन बलूच यकजेहती कमेटी (बीवाईसी) ने किया था।
34 unidentified bodies brought to Civil Hospital #Quetta.How low can a govt fall? #Pakistan forcefully controls #Balochistan for its resources, launching silent genocide against its people. This is state-sponsored conflict with no accountability. 1/2 @Jam__Baloch @MIqbal_BRP pic.twitter.com/O4v0MnYrKe
— Rukhsar (@Rukhsar987) March 21, 2025
प्रदर्शन में लापता व्यक्तियों के परिवार के सदस्य अधिकारियों से शवों की पहचान करने की अनुमति देने की मांग कर रहे थे।
Quetta अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारी जबरन मुर्दाघर में घुसने में सफल रहे और कम से कम पांच शवों को अपने साथ ले गए।
हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि लापता व्यक्तियों के रिश्तेदारों ने शवों को लेने से पहले उनकी पहचान की या नहीं।
स्थानीय अधिकारियों ने पुष्टि की है कि वे शव जाफर एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन के हमलावरों के थे और प्रतिबंधित बीएलए उग्रवादी समूह से संबंधित थे।
प्रांतीय सरकार के एक अधिकारी ने कहा, “जो लाशें ले जाई गईं, वे उन आतंकवादियों की अज्ञात लाशें थीं, जो जाफर एक्सप्रेस पर हमले के बाद सैन्य अभियान में मारे गए थे।”
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इन रिपोर्टों की पुष्टि बीवाईसी कार्यकर्ताओं ने भी की, जिन्होंने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारी Quetta अस्पताल के मुर्दाघर से कई शव अपने साथ ले गए। उन्होंने दावा किया कि लापता व्यक्तियों के परिवार अपने प्रियजनों की पहचान करने के लिए अस्पताल में इक्ट्ठा हुए थे।
बीवाईसी के एक सदस्य ने कहा, “हम लापता लोगों के परिवार के सदस्यों को यह विश्वास दिलाने के लिए दो दिनों से शवगृह तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे कि वहां रखे शव उनके प्रियजनों के नहीं हैं।”
Quetta पुलिस अधिकारियों ने क्वेटा के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी की, जिसमें कम से कम तीन शव बरामद हुए। सूत्रों के अनुसार, सरियाब रोड और सचिवालय चौक में छापेमारी की गई और कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि बलूचिस्तान में लापता लोगों के मुद्दे का इस्तेमाल कर देश के सैन्य प्रतिष्ठान और सरकारी नीतियों को निशाना बनाने के मामले में बीवाईसी और उसके प्रमुख महरंग बलूच की भूमिका की जांच की जा रही है। इन पर बीएलए के साथ गठबंधन करने का आरोप है।