कौन हैं Lex Fridman और क्यों हो रही चर्चा, जिनके Podcast में पीएम मोदी ने खोले बचपन के राज़

लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने बचपन, परिवार और भारत की नीतियों पर बात की। उन्होंने माता-पिता के संघर्ष, स्कूल के अनुभव साझा किए और भारत-पाक रिश्तों व रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की।

: PM Modi interview on Lex Fridman podcast

PM Modi interview on Lex Fridman podcast लेक्स फ्रिडमैन का नाम अचानक सुर्खियों में आ गया है, क्योंकि उनके पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया। 16 मार्च को प्रसारित हुए इस एपिसोड में पीएम मोदी ने अपने बचपन, परिवार और भारत की नीतियों पर खुलकर बातचीत की। फ्रिडमैन ने इसे अपने जीवन की “सबसे शक्तिशाली बातचीत” बताया।

लेक्स फ्रिडमैन एक जाने-माने इंटरव्यूअर

लेक्स फ्रिडमैन अपने पॉडकास्ट के लिए मशहूर हैं, जहां वे दुनिया की बड़ी हस्तियों से लंबी और गहरी बातचीत करते हैं। उनके शो में अब तक एलन मस्क, डोनाल्ड ट्रंप, वोलोडिमिर जेलेंस्की, जॉर्डन पीटरसन समेत कई दिग्गज शामिल हो चुके हैं। उनका पॉडकास्ट आमतौर पर तीन घंटे से ज्यादा लंबा होता है, जिसमें वे अपने मेहमानों की जिंदगी और दुनिया के मुद्दों पर खुली चर्चा करते हैं।

फ्रिडमैन खुद को एक निष्पक्ष श्रोता के रूप में पेश करते हैं, जो अपने मेहमानों की बातों को समझने की कोशिश करते हैं, बजाय कि उनसे बहस करें। उन्होंने एक बार कहा था, “अगर आप इतिहास को समझना चाहते हैं, तो आपको हर व्यक्ति के नजरिए को सहानुभूति से सुनना होगा।”

लेक्स फ्रिडमैन का सफर

41 साल के फ्रिडमैन का जन्म ताजिकिस्तान में हुआ था, लेकिन जब वे 11 साल के थे, तब उनका परिवार अमेरिका चला गया। उनके पिता अलेक्जेंडर फ्रिडमैन सोवियत संघ के एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक थे। फ्रिडमैन ने पेंसिल्वेनिया के ड्रेक्सल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की।

उन्होंने गूगल में मशीन लर्निंग रिसर्चर के रूप में काम किया और फिर MIT में रिसर्चर बने। वहां उन्होंने 2019 में एक स्टडी की, जिसमें टेस्ला की सेमी-ऑटोमैटिक कारों पर रिसर्च किया। इस स्टडी से उनकी खासी पहचान बनी और एलन मस्क का ध्यान उन पर गया।

पीएम मोदी ने साझा किए बचपन के अनुभव

पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अपने बचपन के संघर्षों को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि उनका परिवार बेहद साधारण था और उन्हें कभी गरीबी का बोझ महसूस नहीं हुआ, क्योंकि उन्होंने कभी तुलना नहीं की।

उन्होंने कहा, “मेरे पिता बहुत अनुशासित थे। वे सुबह 4 बजे घर से निकल जाते थे, कई मंदिरों में जाकर फिर दुकान खोलते थे। उनके जूते पारंपरिक चमड़े के बने होते थे, जो चलते वक्त टक-टक की आवाज करते थे। गांव के लोग उनके कदमों की आवाज से समय का अंदाजा लगा लेते थे।”

मां के संघर्ष और स्कूल के दिन

पीएम मोदी ने अपनी मां के संघर्षों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने घर की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। लेकिन इन कठिनाइयों का उनके मन पर नकारात्मक असर नहीं पड़ा।

उन्होंने स्कूल के दिनों की एक घटना साझा की, जब उनके मामा ने बिना जूतों के स्कूल जाते देखा। मामा ने उन्हें कैनवास के जूते दिलाए, लेकिन वे जल्दी गंदे हो जाते थे। मोदी जी ने बताया कि वे चॉक के टुकड़ों को पानी में घोलकर पॉलिश बना लेते थे और जूतों को चमकाते थे।

भारत-पाकिस्तान रिश्तों और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा

पॉडकास्ट में पाकिस्तान से रिश्तों पर भी चर्चा हुई। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने शांति प्रयासों के तहत लाहौर की यात्रा की, लेकिन कुछ चीजें भारत के नियंत्रण में नहीं होतीं।

उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा कि वे व्लादिमीर पुतिन और वोलोडिमिर जेलेंस्की दोनों से बात कर सकते हैं, क्योंकि भारत शांति का पक्षधर है।

लेक्स फ्रिडमैन का यह पॉडकास्ट पीएम मोदी की जिंदगी के अनछुए पहलुओं को सामने लाया। इसमें उनकी सादगी, अनुशासन और नेतृत्व के गुण दिखे। इस इंटरव्यू ने फ्रिडमैन को भारत में भी चर्चा का विषय बना दिया है।

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