PM Modi G7 invitation and Canada controversy : कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को G7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने का न्योता भेजा है। लेकिन इस न्योते के बाद खुद कार्नी को कनाडा में कुछ कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। एक रिपोर्टर ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का ज़िक्र करते हुए इस आमंत्रण पर सवाल उठाया। हालांकि, कार्नी ने इस पर साफ जवाब दिया कि भारत जैसे बड़े और अहम देश का साथ होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, “भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वैश्विक आपूर्ति शृंखला में इसकी बड़ी भूमिका है।” इसलिए उन्होंने पीएम मोदी को बुलाया और मोदी ने न्योता स्वीकार भी कर लिया है।
निज्जर की जांच पर कार्नी की चुप्पी
जब पत्रकारों ने कार्नी से पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि निज्जर की हत्या में मोदी का हाथ हो सकता है, तो उन्होंने इस पर बोलने से मना कर दिया। कार्नी ने कहा कि इस मुद्दे पर कानूनी जांच चल रही है और वह उसमें कोई दखल नहीं देंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कनाडा कानून के अनुसार काम करता है और जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं।
G7 में भारत की मौजूदगी क्यों जरूरी?
मार्क कार्नी ने बताया कि ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए भारत जैसे देश का सम्मेलन में होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत केवल बड़ी आबादी या अर्थव्यवस्था नहीं है, बल्कि सप्लाई चेन में भी उसकी अहम भूमिका है।
चुनाव जीतकर सत्ता में आए कार्नी
मार्क कार्नी हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री बने हैं। इससे पहले वो कनाडा और ब्रिटेन के केंद्रीय बैंक के गवर्नर रह चुके हैं और जलवायु परिवर्तन को लेकर सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने लिबरल पार्टी को चुनाव में जीत दिलाकर जस्टिन ट्रूडो की जगह ली है। ट्रूडो ने ही सितंबर 2023 में भारत पर निज्जर की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
निज्जर की हत्या और भारत-कनाडा विवाद
हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद कनाडा के रिश्ते भारत से काफी बिगड़ गए थे। ट्रूडो सरकार ने भारत पर इस हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया, जिसे भारत ने पूरी तरह नकार दिया।
भारत ने उल्टा कनाडा पर आरोप लगाया कि वह खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाता और आतंकवाद को नजरअंदाज करता है। इस दौरान दोनों देशों के राजनयिक संबंधों में भी गिरावट देखी गई।
रिपोर्ट में नहीं मिला विदेशी हाथ का ठोस सबूत
हाल ही में आई एक सार्वजनिक जांच रिपोर्ट में कहा गया कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में किसी विदेशी देश की सीधी भागीदारी का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। शुरू में इसे एक आपराधिक घटना माना गया था, लेकिन बाद में कुछ खुफिया इनपुट मिलने पर शक भारत पर गया। हालांकि भारत ने हर स्तर पर अपनी संलिप्तता से इंकार किया है।