एक ओर जब पूरी दुनिया में महंगाई का तांडव मचा हुआ है। वहीं भारत के लिए राहत भरी खबर भी सामने आयी है। आपको बता दें, आर्थिक मंदी की आशंका के बीच बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से इजाफा कर रहे हैं। अगर बात दूसरे देशो से तुलना की करें तो अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे विकसित देशों की तुलना में पिछले एक वर्ष के दौरान भारत में रहने व खाने के खर्चे में बढ़ोतरी की दर कम रही है। शुक्रवार को एसबीआइ ने जारी रिपोर्ट की तरफ से इकोरैप में यह बात कही गई।
महंगाई ने आम आदमी के जीवन को प्रभावित किया
शुक्रवार को एसबीआई ने एक ईकोरैप रिपोर्ट जारी की है। जिसमे बताया गया कि एक ओर जाहां कोरोना काल से पूरी दुनिया में महंगाई दर बड़ती जा रही है। तो वहीं भारत में महंगाई का दुष्प्रभाव दूसरे देशों के मुकाबले सबसे कम है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हाल ही में एक रिपोर्ट पर कहा है कि किस तरह से महंगाई ने पूरी दुनिया में आम आदमी के जीवन को पूरी तरह से प्रभावित किया है।अगर बात ईकोरैप रिपोर्ट के पिछले एक वर्ष के दौरान की करें तो रुपये के मुकाबले इन विदेशी मुद्राओं की कीमत में हुए अंतर का भी ख्याल रखा गया है।
विकसित देशों से भारत का प्रदर्शन ज्यादा बेहतर
अगर बात खाद्य की कीमतों पर करें तो अमेरिका में 25 रुपये, ब्रिटेन में 18 रुपये, जर्मनी में 33 रुपये और भारत में 15 रुपये की वृद्धि हुई है। इसी तरह से आवास की लागत की बात करें तो अमेरिका में 21 रुपये, ब्रिटेन में 30 रुपये, जर्मनी में 21 रुपये और भारत में सिर्फ छह रुपये की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट की मानें तो दुनिया के अधिकांश विकसित देशों में रहने व खाने की लागत काफी बढ़ गई है, लेकिन भारत में यह वृद्धि इनके मुकाबले कम है। जिसके बाद से भारत का प्रदर्शन ज्यादा बेहतर रहा है।
अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती से एशियाई देशों में महंगाई
आईएमएफ प्रमुख का कहना है की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती से एशियाई देशों में महंगाई का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।जिसके चलते विकास दर में दो फीसदी गिरावट की आशंका जताई जा रही है।