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काले सागर में सांप वाले टापू पर कब्जे को लेकर रूस ने तेज किए हमले

काले सागर में सांप वाले टापू पर कब्जे को लेकर रूस ने तेज किए हमले

Russia-Ukraine: रूस-यूक्रेन के बीच ढाई महीने की जंग में जिस जगह को लेकर रूस और यूक्रेन सबसे ज्यादा हमलावर हैं.वो काले सागर में मौजूद सांप वाला टापू है.स्नेक आइलैंड पर रूस ने जंग के पहले ही दिन कब्जा कर लिया था.

लेकिन तब से लेकर अब तक यूक्रेन उसे वापिस पाने के लिए छटपटा रहा है.स्नेक आइलैंड और उसकी निगरानी में मौजूद वॉ़रशिप पर कई बार अटैक कर चुका है.

स्नेक आइलैंड पर रूस का कब्जा तो है.लेकिन यूक्रेन जिस तेजी से हमले कर रहा है.उसमें रूस को काफी नुकसान हुआ है.अब रूस यूक्रेन को जवाब देने के लिए एक बड़ा अटैक करने की तैय़ारी में है.लेकिन नाटो ने अपने वॉरशिप स्नेक आइलैंड के पास तैनात करके रूस को सीधी धमकी दी है.जिससे काले सागर में हालात काफी तनावपूर्ण हो गए हैं..

यूक्रेन से जंग में रूस ने सबसे पहला अटैक स्नेक आइलैंड पर 24 फरवरी को किया था.जिसके बाद रूस ने यूक्रेन से आइलैंड छीन लिया और यूक्रेन के सैनिकों को मार भगाया था.लेकिन अब हालात फिर से बदलने लगे हैं.क्योंकि यूक्रेन को नाटो देशों से हथियार मिले हैं.जिसके दम पर वो रूस पर अटैक कर रहा है.जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान स्नेक आइलैंड पर रूसी सैन्य बेस को पहुंचाया है.

पुतिन के इरादे तो जाहिर हो चुके हैं.लेकिन यूक्रेन के लिए स्नेक आइलैंड क्यों जरूरी है.इसे भी समझना जरूरी है.यूक्रेन ने स्नेक आइलैंड पर कब्जे के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.. जबकि इस वक्त यूक्रेन को नाटो से मिले हथियारों का इस्तेमाल उसे ओडेसा में रूसी सैनिकों को पीछे धकेलने के लिए करना चाहिए.जबकि वो स्नेक आईलैंड पाने की कोशिश में हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है.

यूक्रेन लगातार स्नेक आइलैंड पर अटैक करके रूस को चैलेंज कर रहा है.उधऱ नाटो के वॉरशिप भी आइलैंड के एकदम पास आकर वॉ़र ड्रिल कर रहे हैं.जाहिर है.ये सीधे तौर पर रूस को धमकी है.अगर रूस स्नेक आइलैंड नहीं छोड़ता है.तो ब्लैक सी में भारी जंग होने वाली है.. जिसमें एटमी हथियारों का इस्तेमाल भी हो सकता है.यानी काले सागर से तीसरे विश्वयुद्ध का शोला भड़क सकता है.

ब्लैक सी में रूस की बादशाहत हो गई तो यूरोप को सामरिक ,कूटनीतिक, आर्थिक तीनों ही तरह से बड़ा नुकसान होना तय है और ब्लैक सी में बादशाहत के लिए स्नेक आइलैंड पर कब्जा जरूरी है. दरअसल स्नेक आईलैंड की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि वहां से काले सागर से जुड़े तमाम देशों तक निगरानी की जा सकती है औऱ थोड़ा भी खतरा होने पर टापू पर बने बेस से अटैक किया जा सकता है.

(BY: VANSHIKA SINGH)

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