UKRAINE वॉर में रूस अपने ताकतवर युद्पोत मोस्कवा को गंवा चुका है, लेकिन अब प्रशांत महासागर में रूस अपनी ताकत बढ़ाने जा रहा है. रूस की पैसिफिक फ्लीट में दो न्यूक्लियर सबमरीन शामिल होने जा रही हैं.
रूस के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर बोरिसोव ने बड़ा बयान दिया है. इस बयान के मुताबिक इसी साल रसियन नेवी को मिलेंगे 20 कॉम्बैट शिप्स. रूस के इस फैसले से अब नाटो देश की नींद उड़ी हुई है.
रूस पैसिफिक ओसन में खुद को और मजबूूत करने में लगा है. दरअसल प्रशांत महासागर में रूस के दुश्मन नंबर 1 अमेरिका का दो मिलिट्री बेस मौजूद है. गुआम और हवाई द्वीप में अमेरिकी सेना की मौजूदगी रूस के लिए बड़े खतरे जैसा है और यही वजह है कि रूस UKRAINE जंग में अमेरिका की सक्रियता से रूस चौकन्ना है पुतिन पैसिफिक फ्लीट में अपनी ताकत बढ़ाकर अमेरिका समेत नाटो देशों की चाल को मात देना चाहते हैं.
अमेरिका गुआम बेस के ज़रिये चीन को कंट्रोल करता है. इसे अमेरिकी हथियारों का कारखाना भी कह सकते हैं क्योंकि यहां अमेरिका ने सबसे ज़्यादा गोला-बारूद रखा हुआ है. यहां अमेरिका के तीन मिलिट्री बेस हैं. जहां बमवर्षक विमानों का बेड़ा हर वक्त हमले को तैयार रहता है. इतना ही नहीं समुद्री तटों पर उसका खुफ़िया सैन्य अड्डा है जहां परमाणु हमले के लिए पनडुब्बियों तैनात हैं.
ऐसे में रूस की प्रशांत महासागर में बढ़ती सक्रियता अमेरिका और नाटो देशों की मुश्किलें बढ़ाने वाली है.
(BY: VANSHIKA SINGH)