Titanic movie history : क्यों बनी यह फिल्म इतिहास की सबसे दर्दनाक घटना की यादगार?

फिल्म टाइटैनिक को बनाने के लिए कई सालों की मेहनत और बड़े बजट का खर्चा हुआ था। डायरेक्टर जैम्स कैमरून ने असली टाइटैनिक की डूबने वाली घटना को हूबहू फिल्माया। फिल्म को 11 ऑस्कर मिले थे।

Titanic movie history and legacy

Hollywood Movie-10 अप्रैल 1912 को हुआ टाइटैनिक हादसा दुनिया का वो दर्दनाक हादसा था जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह टाइटैनिक जहाज का पहला और आखिरी सफर था। इस घटना को लेकर पहली फिल्म इस हादसे सिर्फ 26 दिन बाद बन गई थी, लेकिन वह फिल्म जलने के कारण दुनिया तक नहीं पहुंच पाई। इसके बाद, जो फिल्म आई, वह आज एक सफल बड़ी फिल्म बन चुकी है।

1997 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘टाइटैनिक’ को बनाने के लिए निर्देशक जेम्स कैमरून ने बहुत मेहनत की थी। इस फिल्म को असली हादसे जैसा दिखाने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। कैमरून ने इस फिल्म को बनाने के लिए टाइटैनिक के बारे में हर एक छोटी बड़ी जानकारी जुटाई। उन्होंने खुद असल टाइटैनिक को देखने के लिए समुद्र की गहराइयों में उतरे, सारी जानकारी जुटाना के लिए वह 12 बार समुद्र में टाइटैनिक के पास गए,

कैमरून का वास्तविकता के प्रति समर्पण

टाइटैनिक जैसी बड़ी घटना पर फिल्म बनाना और उसे असलियत से मिलती-जुलती दिखाना कोई आसान काम नहीं था। कैमरून ने जहाज की डिज़ाइन और सेट तैयार करने के लिए कई महीनों की मेहनत की। उन्होंने सेट को असल टाइटैनिक की तरह बनाने के लिए पूरा ध्यान रखा।

सबसे महंगी फिल्म

‘टाइटैनिक’ उस समय की सबसे महंगी फिल्म थी। फिल्म का बजट असली जहाज के निर्माण से भी ज्यादा था। फिल्म में हर चीज़ को असल टाइटैनिक की तरह तैयार किया गया। लियोनार्डो डि कैप्रियो और केट विंसलेट को इस फिल्म के लिए तीन महीने की ट्रेनिंग दी गई थी, ताकि वे 1912 के समय के लोगों की चाल-ढाल को सही तरह से अदा कर सकें।

फिल्म के कई सीन असल हादसे से प्रेरित थे, जैसे एक सीन जिसमें एक कपल बेड पर एक साथ अपनी जान देता है। असल टाइटैनिक में भी एक ऐसा जोड़ा था जिन्होंने एक साथ मरने का फैसला किया था।

एक मौका और एक शानदार सीन

फिल्म के उस सीन को शूट करने के लिए, जब पानी जहाज के ग्रैंड स्टेरकेस को तोड़ता है, क्रू के पास सिर्फ एक मौका था, क्योंकि इसके बाद पूरा सेट खराब हो जाना था। फिल्म में टाइटैनिक और आइसबर्ग के टकराव को 37 सेकंड में दिखाया गया है, जैसा कि असल हादसे में हुआ था।

हर एक एक्स्ट्रा का एक नाम और कहानी

इस फिल्म में काम करने वाले 150 एक्स्ट्रा को भी एक नाम और बैकस्टोरी दी गई थी। जेम्स कैमरून ने इसे खुद तैयार किया। कैमरून ने जैक और रोज़ के पात्रों के नाम खुद तय किए, हालांकि वे नहीं जानते थे कि असल टाइटैनिक पर भी एक “जे. डाउसन” नाम का यात्री था, जो हादसे में मारा गया था।

टाइटैनिक का सेट कैसे बना?

टाइटैनिक का सेट मेक्सिको के बाजा कैलिफोर्निया नॉर्टे में तैयार किया गया था। इस सेट को बाजा स्टूडियो कहा जाता है, और इसमें एक विशाल पानी के टैंक में असली टाइटैनिक के जहाज की हूबहू नकल बनाई गई थी। इस सेट को बनाने में लगभग 40 मिलियन डॉलर खर्च हुए थे।

11 ऑस्कर जीतने वाली फिल्म

फिल्म में पानी के सीन रियल बनाने के लिए पानी को खास ओशन से लाया गया था। शूटिंग के दौरान केट विंसलेट को हाइपोथर्मिया हो गया था क्योंकि पानी बहुत ठंडा था, लेकिन उन्हें तुरंत इलाज मिल गया। इस फिल्म ने 11 ऑस्कर जीते, जिनमें बेस्ट फिल्म और बेस्ट डायरेक्टर के अवार्ड शामिल थे।

टाइटैनिक की विरासत

‘टाइटैनिक’ आज भी एक अविस्मरणीय फिल्म मानी जाती है। इसके सेट, कहानी, और सीन को देखकर आज भी लोग प्रभावित होते हैं। यह फिल्म आज भी फिल्म इंडस्ट्री का एक अहम हिस्सा है और दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए है।

Exit mobile version