DOGE Controversy: ट्रम्प-एलोन के रिश्तों में खटास… मस्क के ईमेल को नजरअंदाज करने का फरमान या टारगेटेड एक्शन?

ट्रंप प्रशासन ने संघीय एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि उनके कर्मचारी एलॉन मस्क के DOGE द्वारा भेजे गए ईमेल का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हैं। यह फैसला ऐसे समय आया है जब DOGE की कार्रवाई से हजारों कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में हैं।

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DOGE Controversy: अमेरिका में एलॉन मस्क की अगुवाई वाले DOGE (Department of Government Efficiency) को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। ट्रंप प्रशासन ने संघीय एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि उनके कर्मचारी DOGE की ओर से भेजे गए ईमेल्स का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हैं। यह निर्देश ऐसे समय आया है जब DOGE की कार्रवाई से हजारों कर्मचारियों की नौकरियां जा चुकी हैं। मस्क के DOGE ने हाल ही में 23 लाख संघीय कर्मचारियों को एक ईमेल भेजा था, जिसमें उनसे अपने काम का लेखा-जोखा देने को कहा गया था। मस्क का तर्क है कि सरकारी खर्चों में कटौती जरूरी है, लेकिन इसे लेकर अमेरिकी प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस फैसले के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं, क्योंकि ट्रंप प्रशासन के इस कदम को मस्क के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

DOGE के ईमेल का जवाब देना अनिवार्य नहीं

अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, संघीय एजेंसियों के मानव संसाधन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि उनके कर्मचारियों को DOGE के ईमेल का जवाब देना जरूरी नहीं है। जारी मेमो में कहा गया है कि जवाब देना स्वैच्छिक होगा, लेकिन कर्मचारियों को किसी भी संवेदनशील या गोपनीय जानकारी साझा करने से बचना चाहिए। DOGE ने अपने ईमेल में कर्मचारियों से उनके कामकाज का ब्योरा पांच प्वाइंट्स में देने को कहा था, जिसका जवाब सोमवार रात 11:59 बजे तक मांगा गया था। इस आदेश के बाद कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बन गई थी कि वे जवाब दें या नहीं। अब ट्रंप प्रशासन की तरफ से जारी यह नया निर्देश इसे स्पष्ट करने की कोशिश करता है।

सरकारी नौकरियों पर मंडरा रहा खतरा

DOGE की कार्रवाई के चलते सरकारी कर्मचारियों में असुरक्षा का माहौल बन गया है। मस्क पहले ही USAID और अन्य सरकारी संस्थानों से हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर चुके हैं और आने वाले समय में और छंटनी की संभावना जताई जा रही है। मस्क ने चेतावनी दी थी कि जो कर्मचारी DOGE के ईमेल का विस्तार से जवाब नहीं देंगे, उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है। इस फैसले ने सरकारी दफ्तरों में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी निजी क्षेत्र के व्यक्ति को सरकारी खर्चों की समीक्षा और कटौती का अधिकार दिया गया है।

मस्क का नया मिशन

DOGE का पूरा नाम ‘Department of Government Efficiency’ है, जिसे सरकारी खर्चों में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए बनाया गया है। दिलचस्प बात यह है कि इस नाम की समानता Dogecoin से है, जो मस्क की पसंदीदा क्रिप्टोकरेंसी मानी जाती है। राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने एलॉन मस्क और विवेक रामास्वामी को अपनी विशेष टीम में शामिल किया था। अब सवाल उठ रहा है कि क्या ट्रंप प्रशासन मस्क के इस विभाग पर नियंत्रण रखना चाहता है या यह सिर्फ एक राजनीतिक रणनीति है?

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