Trump reciprocal tariffs: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत पर टैरिफ लगाने की बात दोहराई है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अमेरिका अब रेसिप्रोकल टैरिफ (पारस्परिक शुल्क) लगाने जा रहा है, जिससे भारत और चीन जैसे देशों को उसी अनुपात में शुल्क देना होगा, जितना वे अमेरिकी उत्पादों पर लगाते हैं। ट्रंप ने कहा, “वे हम पर टैरिफ लगाते हैं, हम उन पर टैरिफ लगाएंगे।” उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वह अपने पहले कार्यकाल के दौरान ही यह नीति लागू करना चाहते थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था। हालांकि, अब वह इसे जल्द लागू करने की तैयारी में हैं। इस फैसले का भारतीय निर्यात पर असर पड़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं।
भारत-अमेरिका व्यापार पर क्या पड़ेगा असर?
Trump के इस बयान से साफ है कि अमेरिका अब भारत पर उसी अनुपात में शुल्क लगाएगा, जितना भारत अमेरिकी वस्तुओं पर लगाता है। अमेरिका को स्टील, एल्युमिनियम, फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, रत्न-आभूषण और ऑटो पार्ट्स का बड़ा निर्यातक माना जाता है। वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार था, जहां कुल भारतीय निर्यात का 17.7% हिस्सा गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाया, तो भारतीय निर्यात में 3-3.5% तक की गिरावट आ सकती है, जिससे विशेष रूप से छोटे और मझोले उद्यमों (SMEs) को नुकसान होगा।
क्या व्यापार विवाद सुलझ सकता है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान टैरिफ को लेकर बातचीत हुई थी। भारत ने अमेरिकी व्हिस्की और हार्ले डेविडसन बाइक पर शुल्क घटाया था, जिससे ऐसा लगा था कि दोनों देशों के बीच व्यापार विवाद खत्म हो सकता है। लेकिन ट्रंप के ताजा बयान से यह साफ हो गया है कि अमेरिका अभी भी इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाए हुए है। Trump ने कहा कि भारत का टैरिफ स्ट्रक्चर दुनिया में सबसे ज्यादा जटिल है और इससे अमेरिकी कंपनियों को दिक्कत होती है।
Trump की नीति कितनी कारगर?
Trump ने अपने कार्यकाल के दौरान चीन, कनाडा और मैक्सिको पर भी टैरिफ लगाया था। हालांकि, बाद में कनाडा और मैक्सिको को राहत दी गई थी। भारत के मामले में ट्रंप का रुख अब भी कड़ा बना हुआ है। उन्होंने भारत पर पहले भी यह आरोप लगाया था कि वह अमेरिकी कंपनियों को व्यापार करने में बाधा पहुंचाता है। हार्ले डेविडसन मोटरबाइक का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा था कि भारत ने इस पर भारी टैरिफ लगाया, जिससे अमेरिकी कंपनियों को नुकसान हुआ।
क्या होगा भारत की प्रतिक्रिया?
भारत अभी तक अमेरिका से टकराव टालने की नीति अपनाता रहा है, लेकिन अगर अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाया, तो भारत भी जवाबी कदम उठा सकता है। भारत पहले भी अमेरिकी बादाम और अन्य उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा चुका है। अब देखने वाली बात होगी कि भारत सरकार इस नई चुनौती का सामना कैसे करती है।