Trump Tariff 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने व्यापारिक साझेदार देशों पर बुधवार को नए Trump Tariff 2025 लगाने की घोषणा की। ट्रंप ने इसे ‘लिबरेशन डे’ यानी मुक्त दिवस करार दिया और कहा कि 2 अप्रैल 2025 से अमेरिका का औद्योगिक पुनर्जन्म होगा। इस फैसले के तहत, अमेरिका में आयात होने वाले सभी उत्पादों पर 10% बेसलाइन Trump Tariff 2025 लगेगा, जिससे 180 से अधिक देश प्रभावित होंगे। चीन पर 34%, यूरोपीय संघ पर 20%, दक्षिण कोरिया पर 25% और भारत पर 26% का रेसिप्रोकल टैरिफ लागू किया गया है। ट्रंप ने कहा कि इस Trump Tariff 2025 का उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और अमेरिका के साथ वर्षों से हो रही ‘अन्यायपूर्ण व्यापारिक नीतियों’ को समाप्त करना है। उनके मुताबिक, यह कदम अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और विदेशी व्यापार असंतुलन को कम करने की दिशा में अहम साबित होगा।
180 से अधिक देशों पर असर, भारत को लगा 26% रेसिप्रोकल टैरिफ
ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से वैश्विक व्यापार पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। अमेरिका में भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर 26% Trump Tariff 2025 लगाया गया है। हालांकि, ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने भारत पर “डिस्काउंटेड” टैरिफ लगाया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके “अच्छे दोस्त” हैं।
भारत के अलावा अन्य देशों पर निम्नलिखित टैरिफ लगाए गए हैं:
- चीन: 34%
- यूरोपीय संघ: 20%
- दक्षिण कोरिया: 25%
- वियतनाम: 46%
- ताइवान: 32%
- जापान: 24%
- थाईलैंड: 36%
- स्विट्जरलैंड: 31%
- इंडोनेशिया: 32%
- बांग्लादेश: 37%
- श्रीलंका: 44%
- पाकिस्तान: 29%
- ऑस्ट्रेलिया: 10%
ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि अमेरिका अब ‘ट्रेड वॉर’ में पीछे नहीं रहेगा और अन्य देशों के साथ समान व्यापारिक व्यवहार करेगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर: कौन से सेक्टर प्रभावित होंगे?
भारत से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख उत्पादों में दवा, रत्न-आभूषण, पेट्रोकैमिकल्स, कृषि उत्पाद और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। सिटी रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, इस टैरिफ के कारण भारतीय निर्यात को सालाना 7 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है।
- रत्न और आभूषण उद्योग: भारत से अमेरिका को होने वाले कुल निर्यात में 8.5 बिलियन डॉलर का योगदान रत्न-आभूषण उद्योग का है। इस पर 26% टैरिफ से व्यापार प्रभावित होगा।
- फार्मास्यूटिकल्स: भारत की दवा कंपनियों के लिए राहत की खबर यह है कि ट्रंप प्रशासन ने फार्मा सेक्टर को टैरिफ के दायरे से बाहर रखा है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीनरी: इन सेक्टरों को सबसे ज्यादा झटका लग सकता है, क्योंकि अमेरिका भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स पर 26% अतिरिक्त शुल्क लगाएगा।
- कृषि उत्पाद: भारत का निर्यात अमेरिका में 1.03 बिलियन डॉलर का प्रसंस्कृत खाद्य और चीनी जैसे उत्पादों पर था। 24.99% टैरिफ बढ़ने से इस उद्योग को नुकसान झेलना पड़ सकता है।
क्या भारत इस स्थिति का लाभ उठा सकता है?
हालांकि इस Trump Tariff 2025 से भारत की कई कंपनियों को नुकसान होगा, लेकिन यह अवसर भी पैदा कर सकता है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, अमेरिका ने चीन, वियतनाम और बांग्लादेश पर अत्यधिक टैरिफ लगाया है, जिससे भारत को एक नए व्यापारिक हब के रूप में उभरने का मौका मिल सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत व्यापारिक नीतियों में सुधार करे, लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाए और पॉलिसी स्थिर रखे, तो वह अमेरिकी बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर सकता है।
ट्रंप का यह फैसला वैश्विक व्यापार के लिए एक बड़ा झटका है। भारत को इस टैरिफ से नुकसान होगा, लेकिन साथ ही कुछ सेक्टरों के लिए नए अवसर भी खुल सकते हैं। अब यह देखना होगा कि भारत इस स्थिति से कैसे निपटता है और अमेरिकी बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत बनाए रखता है।