Trump Musk dispute: भारत में टेस्ला फैक्ट्री लगाने की अटकलों के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे “बहुत अनुचित” बताया है। फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि टेस्ला द्वारा भारत में निवेश करना अमेरिकी हितों के खिलाफ होगा। ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उद्योग के लिए नई नीति लागू की है, जिसके तहत 500 मिलियन डॉलर से अधिक निवेश करने वाले निर्माताओं को आयात शुल्क में छूट मिलेगी। एलन मस्क की टेस्ला ने हाल ही में भारत में कई पदों पर भर्ती शुरू की है, जिससे संकेत मिलता है कि कंपनी भारतीय बाजार में प्रवेश की तैयारी कर रही है। हालांकि, ट्रंप ने भारत में टेस्ला की एंट्री को लेकर कड़ा रुख अपनाया है।
भारत में टेस्ला फैक्ट्री पर Trump की नाराजगी
Trump ने अपने साक्षात्कार में कहा कि भारत में कार बेचना “असंभव” है क्योंकि वहां अमेरिकी वाहनों पर भारी टैरिफ लगाया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत जैसे देश अमेरिका का फायदा उठा रहे हैं और टेस्ला का भारत में फैक्ट्री खोलना अमेरिका के लिए अनुचित होगा।
भारत सरकार ने मार्च में अपनी नई ईवी नीति का अनावरण किया था, जिसके तहत विदेशी कंपनियों को निवेश के बदले में आयात शुल्क में छूट देने का प्रावधान रखा गया है। इस नीति से टेस्ला को भारत में कार निर्माण की सुविधा मिल सकती है। लेकिन ट्रंप को यह नीति अमेरिकी हितों के खिलाफ लग रही है। उन्होंने कहा, “अगर एलन मस्क भारत में फैक्ट्री लगाते हैं, तो यह हमारे लिए अनुचित होगा।”
पीएम मोदी और एलन मस्क की मुलाकात
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका यात्रा के दौरान एलन मस्क से मुलाकात की थी। इस बैठक में भारत में टेस्ला के संभावित निवेश को लेकर चर्चा हुई थी। मस्क लंबे समय से भारत में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन ऊंचे आयात शुल्क के कारण टेस्ला को अभी तक कोई ठोस फायदा नहीं मिल पाया था।
अब जब भारत सरकार ने नई नीति लागू कर दी है, तो टेस्ला के लिए भारतीय बाजार में प्रवेश करना आसान हो सकता है। हाल ही में कंपनी ने दिल्ली और मुंबई में शोरूम खोलने के लिए स्थानों की तलाश शुरू कर दी है। इसके अलावा, टेस्ला ने 13 पदों के लिए नौकरियों के विज्ञापन भी जारी किए हैं।
क्या भारत में कार बेचना मुश्किल है?
भारत में विदेशी कार कंपनियों को टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी घरेलू कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, सरकार का जोर स्थानीय उत्पादन और मेक इन इंडिया पहल पर है। यही कारण है कि भारत ने ईवी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए टेस्ला जैसी कंपनियों को आकर्षित करने का प्रयास किया है।
ट्रंप ने अपने इंटरव्यू में कहा, “भारत में कार बेचना बेहद मुश्किल है। वहां अमेरिकी वाहनों पर 100% तक टैरिफ लगाया जाता है, जबकि अमेरिका भारतीय वाहनों पर सिर्फ 2.4% शुल्क लगाता है।” उन्होंने दोहराया कि वे पारस्परिक टैरिफ प्रणाली लागू करेंगे, जिसके तहत अमेरिका भी अन्य देशों पर वही शुल्क लगाएगा, जो वे अमेरिकी उत्पादों पर लगाते हैं।
भारत में टेस्ला की संभावनाएं
टेस्ला का भारत में प्रवेश न केवल ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए बल्कि देश की इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति के लिए भी अहम साबित हो सकता है। भारत तेजी से हरित ऊर्जा और ईवी की ओर बढ़ रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि 2030 तक देश में बिकने वाली 30% कारें इलेक्ट्रिक हों।
हालांकि, Trump का बयान इस निवेश को प्रभावित कर सकता है। अगर वे दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो अमेरिका और भारत के व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ सकता है। फिलहाल, टेस्ला भारत में कदम रखने की तैयारियों में जुटी है और जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है।