Russia-Ukraine: यूक्रेन के सैनिकों की संख्या रूस के सैनिकों के मुक़ाबले काफी कम है.लेकिन इसके बाद भी वो जमीन और अपने हथियारों का इस्तेमाल रूस से बेहतर कर रहे हैं. रूस कतारों में सैनिकों और सैन्य वाहनों को रखता है.धीमी गति से वो एक साथ आगे बढ़ते हैं.
लेकिन यूक्रेन के सैनिक छापामार तरीके का युद्ध कर रहे हैं.वो ‘हिट एंड रन’ नीति अपना रहे हैं.वो चुपके से एंटी-टैंक मिसाइल को फ़ायर करते हैं और रूस की जवाबी कार्रवाई आने से पहले ही निकल जाते हैं.
यूक्रेन की सेना ने इस युद्ध में सबसे ज्यादा निशाना रूस के लॉजिस्टिक्स और सप्लाई लाइन को बनाया है.इस वजह से भी युद्ध में बढ़त हासिल करने में रूस को खासी दिक्कतें सामने आई हैं..यूक्रेन के खिलाफ जैसै-जैसे जंग लंबी होती जा रही है.वैसे-वैसे रूसी सेना की क्षमता और रणनीति दोनों को लेकर सवाल उठने लगे हैं.रक्षा जानकारों की मानें तो रूसी सेना लंबी जंग के लिए पूरी तरह तैयार ही नहीं थी.और लंबे युद्ध के लिए सप्लाई लाइन की समुचित व्यवस्था के बिना ही रूसी सैनिक एक साथ कई मोर्चों पर फंस गए.
हालांकि रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि भले ही रूस की सेना काले सागर में पीछे हट गई हो.लेकिन अभी भी रूस की तरफ से रॉकेट अटैक का खतरा टला नहीं है.यूक्रेन की ओर से ये दावा ऐसे समय पर किया गया है जब ब्लैक सी में यूक्रेन के लिए सबसे अहम माने जाने वाले स्नेक आईलैंड पर कब्जे के लिए जंग तेज होती जा रही है.
इस बीच रूस ने यूक्रेन के उन दावों को खारिज कर दिया है कि आधुनिक नौसेना रसद जहाज वसेवोलॉड ब्रोब्रोव मिसाइल अटैक में डैमेज हो गया है.दरअसल यूक्रेन के ओडेसा में सैन्य प्रशासन के प्रवक्ता सेरही ब्रैचुक ने कुछ दिन पहले ये दावा किया था कि उनके मिसाइल ने सेवास्तोपोल की ओर जा रहे रूसी वसेवोलॉड ब्रोब्रोव जहाज को डैमेज कर दिया है और उसमें आग लग गई है.लेकिन रूस के रक्षा मंत्रालय ने जहाज का फोटो जारी कर कहा कि इस पर किसी भी तरह के नुकसान के निशान नहीं हैं.
(BY:VANSHIKA SINGH)