IPS Officer Suicide Case: हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार ने इस मामले में तुरंत सख्त कदम उठाते हुए डीजीपी शत्रुजीत कपूर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है। सुसाइड नोट में डीजीपी समेत कई अधिकारियों के नाम सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया। चंडीगढ़ पुलिस ने इन अधिकारियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है।
परिवार का विरोध और अल्टीमेटम
पूरन कुमार की आत्महत्या के सात दिन बीत जाने के बाद भी उनका पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका है। परिवार और समर्थक डीजीपी को हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं। 31 सदस्यीय समिति, जो न्याय की मांग कर रही है, ने सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। समिति ने साफ कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक न तो पोस्टमॉर्टम होगा और न ही अंतिम संस्कार।
सरकार की समझाने की कोशिश
हरियाणा सरकार लगातार पूरन कुमार की पत्नी और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार को समझाने की कोशिश कर रही है। चंडीगढ़ पुलिस ने अमनीत को पत्र भेजकर शव की पहचान और पोस्टमॉर्टम में सहयोग की अपील की है। पुलिस ने जांच के लिए सरकार से जरूरी दस्तावेज भी मांगे हैं। इस बीच, राज्यपाल असीम कुमार घोष ने पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात कर संवेदना जताई।
सुसाइड नोट में बड़े खुलासे
2001 बैच के आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने घर में खुद को गोली मार ली थी। उनके आठ पन्नों के सुसाइड नोट में डीजीपी शत्रुजीत कपूर और पूर्व एसपी नरेंद्र बिजारणिया समेत आठ वरिष्ठ अफसरों पर मानसिक उत्पीड़न और छवि खराब करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। नोट में जातीय भेदभाव और पक्षपात का भी जिक्र है। इसके बाद बिजारणिया का रोहतक से तबादला कर दिया गया।
महापंचायत और विपक्ष का दबाव
पूरन कुमार की पत्नी ने आत्महत्या के लिए जिम्मेदार अफसरों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, 31 सदस्यीय समिति ने सेक्टर 20 के गुरु रविदास भवन में महापंचायत बुलाकर फिर से 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया। मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने उम्मीद जताई है कि मामला जल्द सुलझ जाएगा।
राहुल गांधी का दौरा
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज चंडीगढ़ में पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात करेंगे। वे परिवार को सांत्वना देने और उनकी बात सुनने के लिए यह दौरा कर रहे हैं। इससे पहले भी कई विपक्षी नेता परिवार से मिल चुके हैं।