The Strong Face of Police Service: उत्तर प्रदेश पुलिस में आईपीएस सुजीत पांडेय का नाम सख्त लेकिन न्यायप्रिय अधिकारी के रूप में जाना जाता है। उन्हें पुलिस विभाग में ‘आयरन ऑफिसर’ कहा जाता है क्योंकि वे अनुशासन और ईमानदारी से काम करने के लिए मशहूर हैं। उन्होंने अपने करियर में कई ऐसे फैसले लिए, जिन्होंने पुलिस प्रशासन की छवि को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।
लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर
जनवरी 2020 में सुजीत पांडेय को लखनऊ का पहला पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था। यह न केवल उनके करियर का गौरवपूर्ण क्षण था, बल्कि उत्तर प्रदेश की पुलिसिंग प्रणाली के लिए भी एक बड़ा बदलाव साबित हुआ। उन्होंने लखनऊ में कमिश्नरेट सिस्टम की नींव रखी और इसे प्रभावी तरीके से लागू किया। उनकी कार्यशैली का मुख्य फोकस कानून-व्यवस्था को मजबूत करना, जनता से सीधा संवाद और पुलिस कर्मियों में जवाबदेही की भावना पैदा करना रहा।
राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अहम भूमिकाएँ
सुजीत पांडेय ने उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जोन के एडीजी, लखनऊ जोन और पीएसी मुख्यालय में भी कार्य किया। हर जगह उन्होंने अपनी मेहनत और नेतृत्व क्षमता से संगठन को नई दिशा दी। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर भी उनका नाम एक परिणामोन्मुख अधिकारी के रूप में जाना जाता है। भारत सरकार ने उन्हें डीजी या डीजी-समकक्ष पद के लिए चुना था, जो उनके पेशेवर कौशल और प्रतिष्ठा का बड़ा प्रमाण है।
सीबीआई में निभाई अहम जिम्मेदारियाँ
केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति के दौरान उन्होंने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाईं। वे गाजियाबाद स्थित सीबीआई अकादमी के निदेशक रहे और मुंबई में पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में भी उन्होंने उल्लेखनीय काम किया। उनकी कार्यशैली में सख्ती के साथ संवेदनशीलता का संतुलन साफ दिखाई देता है।
नई जिम्मेदारियों की चुनौती
डीजी पद पर पदोन्नति के बाद अब उनके सामने राज्य में बढ़ते साइबर अपराध, संगठित अपराध और नई तकनीकी चुनौतियों से निपटने की जिम्मेदारी होगी। वे हमेशा फील्ड में सक्रिय रहने वाले अधिकारी रहे हैं, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस न केवल सख्त बल्कि संवेदनशील और आधुनिक रूप में नज़र आएगी। पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि सुजीत पांडेय की अगुवाई में यूपी पुलिस को नई दिशा और सशक्त पहचान मिलेगी।

