अदरक की चाय भारतीय उपमहाद्वीप में सर्दियों का एक लोकप्रिय पेय है, जो स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक माना जाता है। लेकिन क्या हाई बीपी (हाईपरटेंशन) वाले लोग इसे पी सकते हैं या उन्हें इससे नुकसान हो सकता है? इस सवाल का जवाब मेडिकल रिसर्च और विशेषज्ञों की राय से समझना आवश्यक है।
अदरक पर क्या कहती है रिसर्च ?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिसर्च में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 5,000 लोगों का अध्ययन किया गया। यह अध्ययन दो समूहों पर आधारित था—पहला समूह जो नियमित रूप से अदरक का सेवन करता था, और दूसरा समूह जो अदरक का सेवन नहीं करता था। परिणाम बताते हैं कि अदरक खाने वालों में हाई बीपी का खतरा लगभग 8.4% कम पाया गया। विशेष रूप से, जिन लोगों ने प्रतिदिन 4 ग्राम से कम मात्रा में अदरक का सेवन किया था, उनमें हाई बीपी की समस्या और भी कम थी। इसके पीछे अदरक के शरीर में सूजन कम करने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और मेटाबॉलिज्म सुधारने की क्षमता को माना गया है।
दिल्ली सरकार के चीफ आयुर्वेदिक ऑफिसर डॉ. आर पी पराशर भी अदरक को आयुर्वेद में अत्यंत लाभकारी मानते हैं। वे बताते हैं कि अदरक तनाव हार्मोन को कम करता है और इसमें ब्लड थिनिंग प्रभाव होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। हालांकि उन्होंने जोर दिया है कि अदरक का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, क्योंकि अधिक सेवन पेट की समस्याओं को जन्म दे सकता है।
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जो लोग ब्लड थिनर दवाएं ले रहे हैं या जिनका ब्लड प्रेशर कम है, उन्हें अदरक का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। यह भी ध्यान देना आवश्यक है कि दिन में एक बार से अधिक अदरक का सेवन करने से बचा जाना चाहिए।
अंदरुनी तौर पर यह कहा जा सकता है कि जब तक सही मात्रा में सेवन किया जाए, अदरक की चाय हाई बीपी वाले लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। साथ ही स्वास्थ्यप्रद खानपान और नियमित व्यायाम के साथ यह रक्तचाप नियंत्रित करने में सहायक होती है।
