Friday, November 14, 2025
  • Login
News1India
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • बिहार चुनाव 2025
  • विदेश
  • राज्य ▼
    • दिल्ली
    • हरियाणा
    • राजस्थान
    • छत्तीसगढ़
    • गुजरात
    • पंजाब
  • क्राइम
  • टेक्नोलॉजी
  • धर्म
  • मौसम
  • ऑटो
  • खेल
🔍
Home धर्म

Jagannath Rath Yatra:कौन हैं देवी गुंडिचा और क्या है उनकी कहानी ,कैसे बनीं भगवान जगन्नाथ की मौसी

रथयात्रा की परंपरा देवी गुंडिचा की भक्ति से जुड़ी है, जो भगवान जगन्नाथ की मौसी बनीं। भगवान हर साल रथ में बैठकर मौसी के घर जाते हैं।

SYED BUSHRA by SYED BUSHRA
June 29, 2025
in धर्म
jagannath yatra
491
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

Jagannath Rath Yatra and the Story of Devi Gundicha: पुरी में हर साल निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव है, जिसका रिश्ता रानी गुंडिचा की भक्ति से जुड़ा है। पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर से हर साल आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को निकलने वाली रथ यात्रा की शुरुआत बहुत खास तरीके से होती है। भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियों को मंदिर से बाहर सिंहद्वार तक लाया जाता है। इस प्रक्रिया को ‘पहांडी’ कहा जाता है, जिसमें भक्तगण उन्हें कंधों पर झुलाकर प्रेमपूर्वक रथ तक पहुंचाते हैं। फिर रथों को खींचकर तीनों को पुरी के गुंडिचा मंदिर, यानी भगवान की मौसी के घर ले जाया जाता है।

देवी गुंडिचा कैसे बनीं भगवान की मौसी

देवी गुंडिचा कोई साधारण महिला नहीं थीं, बल्कि राजा इंद्रद्युम्न की धर्मपत्नी थीं। उन्होंने अपने पति के ब्रह्मलोक यात्रा पर जाने के बाद तपस्या का व्रत लिया और समाधि में चली गईं। इस बीच सदियों बीत गईं और जब राजा ब्रह्मा को लेकर वापस लौटे तो पुरी पूरी तरह बदल चुका था। श्रीमंदिर रेत में दब गया था और एक नए राजा गालु माधव का शासन था।

RELATED POSTS

Raksha Bandhan 2025:

Raksha Bandhan 2025:राखी बांधने का सही समय और पूजा की पूरी विधि जानें भद्रा काल की स्थिति

June 30, 2025
Rath Yatra 2025:रथ यात्रा में शामिल नहीं हो पा रहे, मत हों निराश जानिए घर बैठे कैसे पाएं रथ यात्रा जैसा पुण्य

Rath Yatra 2025:रथ यात्रा में शामिल नहीं हो पा रहे, मत हों निराश जानिए घर बैठे कैसे पाएं रथ यात्रा जैसा पुण्य

June 27, 2025

रेत में दबा मंदिर और देवी का जागरण

तूफान के चलते मंदिर की संरचना एक बार फिर बाहर आई। राजा इंद्रद्युम्न ने मंदिर का गर्भगृह खोज निकाला और ब्रह्मा जी के साथ मिलकर श्रीजगन्नाथ की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। उसी समय रानी गुंडिचा की समाधि टूटी और उन्होंने खुद को एक नई पीढ़ी के लोगों से घिरा पाया, जो उन्हें देवी मानते थे।

भगवान ने क्यों कहा ‘मौसी’?

जब भगवान प्रकट हुए तो उन्होंने रानी गुंडिचा की तपस्या और मां जैसी सेवा को देखते हुए उन्हें ‘मौसी’ का दर्जा दिया और कहा कि “मैं हर साल आपसे मिलने आऊंगा।” यही वजह है कि हर वर्ष रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं, यानी गुंडिचा मंदिर।

रथयात्रा की विशेष परंपराएं

रथयात्रा के दौरान पुरी के राजा स्वयं सोने की झाड़ू से रथ के मार्ग की सफाई करते हैं, जिसे ‘छेरा पहरा’ कहा जाता है। यह सेवा भगवान के प्रति समर्पण और विनम्रता का प्रतीक मानी जाती है।

आज भी जीवित है वह परंपरा

आज भी पुरी मंदिर में पूजा करने वाले दइतापति सेवक, विश्ववसु, विद्यापति और ललिता के वंशज ही होते हैं। रथ निर्माण से लेकर मूर्ति निर्माण तक के काम भी उन्हीं की पीढ़ियां करती हैं। यही वजह है कि गुंडिचा मंदिर को तीर्थ और शक्तिपीठ की मान्यता प्राप्त है।

रथयात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि प्रेम, भक्ति और पारिवारिक रिश्तों की मिसाल है। देवी गुंडिचा की कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची भक्ति समय की सीमाओं को पार कर देती है।

डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक कथाओं और परंपराओं पर आधारित है। News1India इसकी ऐतिहासिक अथवा वैज्ञानिक पुष्टि नहीं करता।यह लेख श्रद्धा और जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है।

Tags: Hindu traditionsJagannath Rath Yatra
Share196Tweet123Share49
SYED BUSHRA

SYED BUSHRA

Related Posts

Raksha Bandhan 2025:

Raksha Bandhan 2025:राखी बांधने का सही समय और पूजा की पूरी विधि जानें भद्रा काल की स्थिति

by SYED BUSHRA
June 30, 2025

Raksha Bandhan 2025:हिंदू धर्म में भद्रा काल को अशुभ माना जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ काम या पूजा...

Rath Yatra 2025:रथ यात्रा में शामिल नहीं हो पा रहे, मत हों निराश जानिए घर बैठे कैसे पाएं रथ यात्रा जैसा पुण्य

Rath Yatra 2025:रथ यात्रा में शामिल नहीं हो पा रहे, मत हों निराश जानिए घर बैठे कैसे पाएं रथ यात्रा जैसा पुण्य

by SYED BUSHRA
June 27, 2025

Rath Yatra 2025: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा एक बेहद शुभ और पवित्र पर्व होता है। हर साल लाखों श्रद्धालु...

Lord Jagannath Rath Yatra Chhera Pehra

Jagannath’s Rath Yatra Ritual : क्या होता है छेरा पहरा? जानिए भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की एक बेहद ख़ास रस्म

by SYED BUSHRA
June 26, 2025

Lord Jagannath’s Rath Yatra Ritual Chhera Pehra : पुरी (उड़ीसा) में भगवान जगन्नाथ का एकांतवास अब समाप्त हो चुका है। माना...

Tilak benefits: Evil Eye कैसे पता लगाएं बुरी नजर का असर,  क्या है इसके लक्षण जानिए इससे बचने के प्रभावी उपाय

Tilak benefits: Evil Eye कैसे पता लगाएं बुरी नजर का असर, क्या है इसके लक्षण जानिए इससे बचने के प्रभावी उपाय

by Ahmed Naseem
March 25, 2025

Tilak benefits: अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोगों को बिना किसी कारण के अचानक परेशानी होने लगती है। वे...

Peepal tree removal vastu

Vastu tips : पीपल का पेड़ घर की दीवार पर उगने के क्या होते हैं संकेत, जानिए इसे हटाने के वास्तु उपाय

by SYED BUSHRA
February 24, 2025

Peepal tree removal vastu पीपल का महत्व और घर में उगने के संकेत,हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को बहुत...

Next Post
Solah Shringar before the funeral of a married woman

सुहागिनो का अंतिम विदाई से पहले क्यों किया जाता है सोलह श्रृंगार? क्या है इसके पीछे की धार्मिक मान्यताएं

Aamir Khan Sitare Zameen Par box office collection

Box office collection : धीमी शुरुआत के बाद पकड़ी रफ़्तार,आमिर खान की फिल्म ने पार किया 100 करोड़ का आंकड़ा

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

News1India

Copyright © 2025 New1India

Navigate Site

  • About us
  • Privacy Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • बिहार चुनाव 2025
  • विदेश
  • राज्य
    • दिल्ली
    • हरियाणा
    • राजस्थान
    • छत्तीसगढ़
    • गुजरात
    • पंजाब
  • क्राइम
  • टेक्नोलॉजी
  • धर्म
  • मौसम
  • ऑटो
  • खेल

Copyright © 2025 New1India

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

Go to mobile version