Rajasthan News:राजस्थान के जैसलमेर जिले में हुआ बस अग्निकांड पूरे राज्य को हिला गया। यह दर्दनाक हादसा इतना भयानक था कि चश्मदीद लोग आज भी उस मंजर को याद कर सिहर उठते हैं। बस में सवार महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग मदद के लिए चीख रहे थे, लेकिन कोई भी उनकी सहायता नहीं कर पाया।
चश्मदीद ने बताया दर्दनाक मंजर
हादसे के प्रत्यक्षदर्शी एडवोकेट जितेंद्र ने बताया कि बस कुछ ही पलों में आग के गोले में तब्दील हो गई। उन्होंने कहा, “बस के अंदर से महिलाओं और बच्चों की चीखें सुनाई दे रही थीं। लोग खिड़कियों से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन लपटें इतनी तेज थीं कि कोई कुछ नहीं कर सका।” जितेंद्र ने बताया कि बस के अंदर अफरा-तफरी का माहौल था और कुछ लोग सीटों के नीचे छिपने की कोशिश कर रहे थे।
दरवाजा जाम होने से बढ़ा हादसा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसी स्लीपर बस में आग लगने के बाद मुख्य दरवाजा जाम हो गया। इससे अंदर फंसे यात्री बाहर नहीं निकल पाए। जिन यात्रियों ने खिड़कियों से बाहर निकलने की कोशिश की, उन्हें भी झुलसना पड़ा। बस का एसी सिस्टम और अंदर लगी ज्वलनशील सामग्री ने आग को और फैलाने का काम किया। इस कारण कुछ ही मिनटों में पूरी बस लपटों में घिर गई।
जयपुर में आरटीओ का विशेष अभियान
जैसलमेर हादसे के बाद पूरे राजस्थान में बसों की जांच का अभियान शुरू कर दिया गया। जयपुर आरटीओ प्रथम की टीम ने शहर में कई बसों की चेकिंग की। इस दौरान कई बसें ओवरलोड पाई गईं, जिनमें सवारियां और लगेज दोनों ही क्षमता से ज्यादा थे। अधिकारियों ने ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
सरकार ने दिए जांच के आदेश
राज्य सरकार ने इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। परिवहन विभाग ने कहा है कि सभी बस ऑपरेटरों को सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। साथ ही, एसी बसों में फायर सेफ्टी उपकरण और इमरजेंसी दरवाजे की नियमित जांच अनिवार्य कर दी गई है।
जनता में गुस्सा और शोक
हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में शोक और गुस्से का माहौल है। स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि बस संचालकों की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।