कहानी धनंजय सिंह की, जो दोहरे हत्याकांड से जुड़े गैंगस्टर एक्ट से भी हुए बरी, जानें चुनाव को लेकर क्या बोले पूर्व सांसद

उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी पूर्व सांसद धनंजय सिंह जिले के बेलाव घाट पर 15 वर्ष पूर्व हुए दोहरे हत्याकांड से जुड़े गैंगस्टर एक्ट के मामले में बरी हो गए हैं।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी पूर्व सांसद धनंजय सिंह जिले के बेलाव घाट पर 15 वर्ष पूर्व हुए दोहरे हत्याकांड से जुड़े गैंगस्टर एक्ट के मामले में बरी हो गए हैं। धनंजय सिंह के अलावा चार अन्य आरोपियों को भी एमपी-एमएलए कोर्ट ने निर्दोष माना। शनिवार को वह चंदौली पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह बिहार जाएंगे। एनडीए के पक्ष में जनसभाएं करेंगे। पूर्व सांसद ने दावा किया है कि बिहार में एकबार फिर एनडीए की सरकार बनने जा रही हैं।

पूर्व सांसद को जौनपुर की एमएपी-एलएलए कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दोहरे हत्याकांड केस से जुड़े गैंगस्टर एक्टी में धनंजय सिंह समेत चारों आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। इससे पहले कोर्ट ने 3 जुलाई 2025 को साक्ष्यों और गवाहों के आभाव में हत्याकांड के आरोप से भी सभी को बरी किया था। ऐसे में धनंजय सिंह के समर्थक गदगद हैं तो वहीं पूर्व सांसद ने भी बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम बिहार चुनाव में रैली करेंगे। एनडीए की जीत पक्की करने के लिए बिहार में रूकेंगे।

अब हम आपको बताते हैं कि किस मामले में धनजंय सिंह को कोर्ट ने बरी किया है। दरअसल, 1 अप्रैल 2010 को केराकत कोतवाली क्षेत्र के बेलाव घाट पर ठेकेदारी के विवाद को लेकर संजय निषाद और नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस दोहरे हत्याकांड का आरोप तत्कालीन बीएसपी सांसद धनंजय सिंह के करीबी सुनीत सिंह और पुनीत सिंह पर लगा था। पुलिस ने केस दर्ज किया था, लेकिन परिजनों की मांग पर इस केस की सीबीसीआईडी जांच हुई थी। सरकार ने दोहरे हत्याकांड की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी।

बेलाव घाट पर हुए दोहरे हत्याकांड की जांच सीबीआईडी ने की। जांच में तत्कालीन बीएसपी सांसद धनंजय सिंह, उनके करीबी आशुतोष सिंह, पुनीत सिंह और सुनीत सिंह को आरोपी बनाकर सीबीसीआईडी ने चार्जशीट दाखिल की थी। बाद में पुलिस ने इसी केस में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। इस केस में वादी मृतक के पिता, भाई और पत्नी समेत 28 गवाह कोर्ट के पेश हुए थे, लेकिन अधिकांश गवाह मुकर गए थे। कोर्ट ने साक्ष्यों और गवाहों के आभाव में 3 जुलाई 2025 को पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत चारों आरोपियों को निर्दोष बरी कर दिया था।

बहुचर्चित बेलाव घाट दोहरे हत्याकांड में निर्दोष बरी होने के कुछ महीने बाद गैंगस्टर केस में भी कोर्ट द्वारा बाइज्जत बरी किए जाने पर धनंजय सिंह के समर्थकों में खुशी का माहौल देखने को मिला। पूरे मामले पर, पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने इसे सत्य की जीत बताते हुए कोर्ट के फैसले का सम्मान किया है। धनंजय सिंह ने कहा कि उन पर ये केस राजनीति के तहत दर्ज करवाया गया था। हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास था। कोर्ट ने हमें दोहरे हत्याकांड में पहले ही बरी कर दिया था। गैंगस्टर केस में भी हमें कोर्ट ने निर्दोष माना और बरी करने का आदेश दिया।

कौन हैं धनजंय सिंह

16 जुलाई 1975 को जन्में धनंजय सिंह ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। वह 27 साल की उम्र में साल 2002 में पहली बार निर्दलीय यूपी विधानसभा चुनाव लड़े थे और जीते। इसके बाद 2007 में जदयू के टिकट पर विधायक बने। 2009 में बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और अच्छे-खासे वोट से जीतकर संसद में पहुंचे। धनंजय सिंह को यूपी का बाहुबली भी कहा जाता है। लेकिन वह इसे विपक्षी दलों के साजिश बताते हैं।

धनंजय सिंह ने की तीन शादियां

धनंजय सिंह की निजी जिंदगी भी बहुत दिलचस्प रही है। उन्होंने कुल तीन शादियां कीं। पहली पत्नी ने शादी के करीब 9 महीने बाद ही संदिग्ध परिस्थियों में सुसाइड कर लिया था। फिर डॉक्टर जागृति सिंह से दूसरी शादी की। डॉक्टर जागृति अपनी नौकरानी की हत्या के आरोप में 2013 में जेल भी गईं। बाद में धनंजय और जागृति का तलाक हो गया। धनंजय सिंह ने साल 2017 श्रीकला रेड्डी तीसरी शादी की। दोनों ने पेरिस में आलीशान तरीके से शादी रचाई थी। फिलहाल धनंजय सिंह की पत्नी जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं।

 

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