35 लोगों के साथ 12 वीं पास अवसर ने कर दिया खेला, इनकम टैक्स अवसर बनकर करता था नौकरी दिलाने का फ्रॉड

अहमदाबाद साइबर क्राइम शाखा ने झारखंड के अमन कुमार नामक 12वीं पास ठग को गिरफ्तार किया है। अमन खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बताकर सरकारी नौकरी दिलाने के बहाने 35 लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका था। उसने फर्जी वेबसाइट, ईमेल और लेटरहेड बनाकर लोगों का विश्वास जीता, उनसे इंटरव्यू और ट्रेनिंग कराई, और इसके बदले लाखों रुपये वसूले।

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Jharkhand News : अहमदाबाद: सरकारी नौकरी दिलाने का लालच देकर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक बड़े अंतरराज्यीय रैकेट का खुलासा अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने किया है। इस रैकेट के मास्टरमाइंड अमन कुमार, जो मात्र बारहवीं पास है, को झारखंड से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी खुद को इनकम टैक्स विभाग का अधिकारी बताकर देशभर में सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को निशाना बनाता था।

साइबर क्राइम ब्रांच के अनुसार, 36 वर्षीय अमन कुमार ने अपने गिरोह के साथ मिलकर एक पूरी फर्जी व्यवस्था तैयार की थी। उसने सरकारी विभागों जैसे इनकम टैक्स, रेलवे, फूड एंड हेल्थ डिपार्टमेंट आदि के नाम से मिलती-जुलती ईमेल आईडी और वेबसाइट बनाई हुई थीं। इतना ही नहीं, युवाओं का विश्वास जीतने के लिए वे सरकारी लेटरहेड, अपॉइंटमेंट लेटर, मेमो और सैलरी स्लिप तक तैयार करते थे।

महिला से की 9.20 लाख की ठगी

मामला तब सामने आया जब अहमदाबाद के बोपल क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई। महिला का आरोप था कि अमन ने खुद को इनकम टैक्स अफसर बताकर उसे सरकारी नौकरी दिलाने का वादा किया। उसने महिला को ईमेल के जरिए कोलकाता और फिर बेंगलुरु में ट्रेनिंग के लिए बुलाया और प्रक्रिया पूरी करने के नाम पर 12 लाख रुपये की मांग की।
महिला ने विश्वास में आकर 9.20 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए, जिसके बाद उसे “ऑफिस ऑफ द प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स, कर्नाटक एंड गोवा रीजन, बेंगलुरु” के नाम से एक फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर भी दिया गया।

किया इंटरव्यू और ट्रेनिंग का दिखावा

एसीपी हार्दिक मांकड़िया के मुताबिक, आरोपी युवाओं को बड़े शहरों के नामी होटलों में इंटरव्यू के लिए बुलाता था, ताकि भर्ती प्रक्रिया असली लगे। इसके बाद वह उन्हें ट्रेनिंग के लिए तय की गई जगह पर भेजकर पूरी तरह से यह दिखाता था कि वे सरकारी चयन प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। इसी दौरान “प्रोसेसिंग फीस” और “फॉर्मेलिटी चार्ज” के नाम पर लाखों रुपये वसूले जाते थे।

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एक बार पैसे मिल जाने के बाद आरोपी और उसके साथी मोबाइल नंबर और ईमेल बंद कर देते थे। यदि कोई पीड़ित पैसे वापस मांगता, तो उसे धमकी दी जाती थी। साइबर क्राइम जांच में सामने आया कि पिछले एक वर्ष में अमन कुमार ने लगभग 35 लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की।

पहले भी दर्ज है मामला

गौरतलब है कि अमन कुमार के खिलाफ इससे पहले भी सीबीआई, मुंबई में वर्ष 2023 में जॉब फ्रॉड का मामला दर्ज किया जा चुका है। अब अहमदाबाद साइबर क्राइम टीम आरोपी से पूछताछ कर यह पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल थे।

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