भारत के दिग्गज व्यवसायी (Businessman) और शेयर बाजार के ‘बिग बुल’ कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला अब नहीं रहे। 14 अगस्त की सुबह छह बजकर 45 मिनट पर मुंबई के ब्रिज कैंडी अस्पताल ने भारत के वॉरेन बफेट समझे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला का निधन हो गया।
बता दें कि लंबी बीमारी के बाद कुछ दिन पहले इसी अस्पताल से राकेश झुनझुनवाला को छुट्टी मिली थी। राकेश झुनझुवाला का जन्म पांच अगस्त 1960 को हुआ था वे पेशे से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट थे। वे रेयर इंटरप्राइजेज नाम की कंपनी चलाते थे जो उनकी और उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो प्रबंधन का काम देखती है।
झुनझुनवाला को शेयर बाजार का बेताज बादशाह माना जाता था। निवेश के क्षेत्र में झुनझुनवाला की धाक इतनी थी कि उन्हें भारत का वॉरेन बफेट भी कहा जाता था। दुनियाभर में शेयर बाजार में उनकी पैनी नजर की मिसाल दी जाती है। दिवंगत राकेश झुनझुनवाला ने निवेश की दुनिया में साल 1985 में कदम रखा था। इस दौरान उन्होंने महज पांच हजार रुपये से निवेश की शुरुआत की थी। कई बार बाजार में उठापठक की आंधी के बीच भी उन्होंने जिस तरह से व्यापार को संभाला उसने सभी को हैरान कर दिया। बाजार के धड़ाम होते ही जहां कई निवेशक बाजार को छोड़कर भाग जाते थे वहीं राकेश झुनझुनवाला इस दौरान बिल्कुल नहीं घबराते थे और शांति से काम लेते थे। उन्हें शेयर बाजार का बिग बुल भी कहा जाता था। झुनझुनवाला के बारे में कहा जाता था कि वे मिट्टी को भी छू लें तो सोना बन जाती है।
राकेश झुनझुनवाला ने अपने कॉलेज के दिनों से ही शेयर बाजार (Share Market) में निवेश करना शुरू कर दिया था. एक बार राकेश झुनझुनवाला ने बताया था कि शुरुआत में उन्होंने 100 डॉलर का निवेश किया था. जो सेंसेक्स इंडेक्स 150 अंक पर था, वो अब 60 हजार के स्तर पर कारोबार कर रहा है. उन्हें भारतीय शेयर बाजार का वॉरेन बफेट भी कहा जाता रहा था. फोर्ब्स के मुताबिक, राकेश झुनझुनवाला की कुल संपत्ति 5.8 अरब डॉलर थी। आज उनकी कुल नेटवर्थ 41 हजार करोड़ रुपये से अधिक की है। राकेश झुनझुनवाला अपनी खुद की स्टॉक ट्रेडिंग कंपनी रेयर एंटरप्राइजेज के मालिक भी थे. टाइटन, स्टार हेल्थ, टाटा मोटर्स और मेट्रो ब्रांड जैसे शेयरों में बिग बुल राकेश ने सबसे बड़ा निवेशक किया था।
राकेश झुनझुनवाला महज तीन साल में ही शेयर में पैसे लगाकर करोड़ों का मुनाफा कमा लिया। इसके बाद उन्होंने आए कई कंपनियों में दांव लगाए और खूब लाभ कमाया। लेकिन झुनझुनवाला को जिसने बिग बुल बनाया वह थी टाटा की टाइटन कंपनी। दरअसल, झुनझुनवाला ने साल 2003 में टाटा समूह की कंपनी टाइटन में पैसा लगाए थे। उस वक्त उन्होंने महज तीन रुपये के हिसाब से टाइटन के छह करोड़ शेयर खरीद लिए थे जिसकी वैल्यू 7000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई।