Kalyan Singh Nagar – उत्तर प्रदेश में एक नया जिला ‘कल्याण सिंह नगर’ जल्द ही अस्तित्व में आ सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की स्मृति में यह जिला बनाने का प्रस्ताव योगी सरकार द्वारा सैद्धांतिक रूप से मंजूर कर लिया गया है। यह राज्य का 76वां जिला होगा और इसे अलीगढ़ और बुलंदशहर जिलों के हिस्सों को मिलाकर बनाया जाएगा। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, सूत्रों का कहना है कि प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और केवल औपचारिकताओं की देरी है, जिसकी घोषणा दिवाली के बाद होने की संभावना है।
प्रस्तावित जिले की संरचना
नया जिला ‘Kalyan Singh Nagar’ बुलंदशहर की डिबाई तहसील, अलीगढ़ की अतरौली तहसील, और गंगीरी कस्बे को मिलाकर बनेगा। यह क्षेत्र लगभग 1,200 वर्ग किलोमीटर में फैलेगा और इसकी अनुमानित आबादी 8 से 10 लाख होगी। यह क्षेत्र कल्याण सिंह की जन्मभूमि मढ़ौली (अतरौली) के निकट है।
राज्य सरकार ने दोनों संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें जनसंख्या, राजस्व, सीमांकन और स्थानीय निवासियों के मत शामिल थे। यह रिपोर्ट अब राजस्व परिषद को सौंपी जा चुकी है, और माना जा रहा है कि कैबिनेट की अगली बैठक में इसे अंतिम मंजूरी मिल जाएगी।
गठन की पृष्ठभूमि और क्षेत्रीय मांग
इस नए जिले Kalyan Singh Nagar की मांग स्वर्गीय कल्याण सिंह (1933-2021) की विरासत को सम्मान देने के लिए की गई थी। उनके बेटे और पूर्व सांसद राजवीर सिंह ने 2023 में यह मांग उठाई थी, जिसे दिसंबर 2024 में ‘जिला निर्माण संघर्ष समिति’ ने भी मजबूती से समर्थन दिया।
इस क्षेत्र में लंबे समय से प्रशासनिक मुख्यालय से दूरी की समस्या थी, खासकर डिबाई और अतरौली जैसे इलाकों में। स्थानीय निवासियों को सड़कें, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं की कमी से जूझना पड़ रहा था। नया जिला बनने से इन क्षेत्रों को एक अलग प्रशासनिक केंद्र मिलेगा, जिससे विकास और प्रशासनिक दक्षता बढ़ने की उम्मीद है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कदम ‘कल्याण बाबूजी की जन्मभूमि को सम्मान’ देगा और उनकी समस्याओं का समाधान करेगा।
राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिक्रियाएँ
भाजपा नेताओं ने इस पहल का स्वागत करते हुए इसे कल्याण सिंह की विरासत को साकार करने का ऐतिहासिक कदम बताया है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे ‘चुनावी लाभ के लिए राजनीतिक स्टंट’ करार दिया है, भले ही योगी सरकार ने पिछले चार वर्षों में कई नए जिले बनाए हैं।
हालांकि, सीमांकन और संसाधन वितरण को लेकर कुछ चुनौतियां हो सकती हैं। नए जिले को अस्पताल, कलेक्ट्रेट और पुलिस स्टेशन जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने में समय लगेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था वाले क्षेत्रों के विकास को गति देगी।
सरकारी बयान की कमी के बावजूद, उपलब्ध सूत्रों से लगता है कि ‘कल्याण सिंह नगर’ का गठन लगभग निश्चित है। स्थानीय निवासियों की निगाहें अब कैबिनेट की अगली बैठक पर टिकी हैं, जिसके बाद इस नए जिले के उदय की औपचारिक घोषणा होने की उम्मीद है।



