Kanpur Land Scam:कानपुर में मुआवजा का खेला गया खेल,किस पर बैठी आय से अधिक संपत्ति की जांच

कानपुर में लेखपाल आलोक दुबे ने रिंग रोड के प्रस्तावित रूट पर करोड़ों की जमीन खरीदी और चार गुना मुआवजा लिया। अब उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू हो गई है।

Kanpur land scam alok dubey case

Kanpur Land Scam: कानपुर में कानूनगो से डिमोट होकर लेखपाल बने आलोक दुबे पर बड़ा आरोप है। बताया जा रहा है कि रिंग रोड के प्रस्तावित रूट की जानकारी पहले पाकर उसने और उसके परिवार ने दूल और रौतेपुर गांव में करोड़ों की जमीन खरीदी। इस दौरान अधिग्रहण में केवल एक संपत्ति ही उसके नाम पर आई, लेकिन उसने भू-अधिग्रहण कार्यालय से एक करोड़ रुपये का मुआवजा हासिल किया।

संपत्ति और मुआवजा का खेल

रिंग रोड और न्यू कानपुर सिटी समेत कई परियोजनाओं के तहत करीब 450 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई थी, जिसमें 1250 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित हुआ। इन संपत्तियों में से 29 बैनामे सीधे आलोक दुबे के नाम पर दर्ज हैं। उसके, पत्नी और बच्चों के नाम पर कुल 41 संपत्तियां हैं, जिनकी कीमत लगभग 30 करोड़ बताई जा रही है।

प्रस्तावित रूट की जानकारी का फायदा

जांच से पता चला है कि अधिकांश जमीन 2016 के बाद खरीदी गई थी। यह सभी संपत्तियां रिंग रोड के प्रस्तावित रूट पर स्थित थीं। इसका मतलब साफ है कि लेखपाल आलोक दुबे को रूट की जानकारी पहले से थी। उसने औने-पौने दामों पर जमीन खरीदी और जब अधिग्रहण हुआ तो केवल एक जमीन ही अधिग्रहित हुई, लेकिन उसने चार गुना मुआवजा प्राप्त किया।

आला अफसरों की मिलीभगत का शक

हालांकि इस पूरी करतूत के बावजूद कई आला अफसर मामले को दबाते रहे। इसके कारण रिंग रोड, न्यू कानपुर सिटी और अन्य परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और जनता में इस पूरे मामले को लेकर गहरी नाराजगी है।

आय से अधिक संपत्ति की जांच

अब आलोक दुबे पूरी तरह जांच के घेरे में आ चुका है। जिला प्रशासन की संस्तुति पर विजिलेंस विभाग ने उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की गुप्त जांच शुरू कर दी है। उसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। लेखपाल से सवाल-जवाब भी किए जा चुके हैं और अब उसकी एक-एक संपत्ति की जांच की जाएगी।

जांच का महत्व

इस मामले की जांच केवल लेखपाल तक सीमित नहीं है। रिंग रोड, न्यू कानपुर सिटी और अन्य सरकारी परियोजनाओं में भू-अधिग्रहण और मुआवजा वितरण के तरीके पर भी नजर रखी जा रही है। यदि भ्रष्टाचार साबित हुआ, तो बड़ी शख्सियतों तक जांच का दायरा बढ़ सकता है।

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