कानपुर ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश में पिछले कईदिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। आसमान में बादलों का ढेरा है। कोहरे ने इंसान से लेकर बेजुबानों का हाजमा बिगाड़ा हुआ है। कानपुर चिड़ियाघर में सर्दी के चलते खास इंतजाम किए गए हैं। वन्यजीवों के बाड़े में हीटर लगाए गए हैं तो वहीं सर्दी के मौसम में 3 महीने के लिए सांप गहरी नींद में सो जाते हैं। मार्च में गर्मी बढ़ते ही सांप गहरी नींद से जागेंगे। पूरे 90 दिन तक कोबरा से लेकर अजगर उपवास रखेंगे।
ठंड के चलते शीत निद्रा में गए सर्प
2024 में सर्दी थोडा देर से आई, जिसके कारण सांप भी अपने बाड़ों में चहल कदमी करते हुए देखे गए। दर्शकों के लिए भी दिसंबर के पहले सप्ताह तक सांप घर के बाड़े खुले थे। लेकिन अचानक ठंड पड़ते ही चिड़ियाघर के सरीसृप शीत निद्रा में चले गए हैं। इस बार ठंड सामान्य से कम होने के कारण रेप्टाइल कुछ विलंब से हाइबरनेट हुए हैं। अब करीब तीन माह तक सांप-अजगर आदि सुप्त अवस्था में रहेंगे। फरवरी में धीरे-धीरे ठंड कम होने के बाद इनके सक्रिय होने पर पर्यटकों को इनका दीदार होगा। हालांकि, इस बार ठंड सामान्य से कम होने के कारण रेप्टाइल कुछ विलंब से हाइबरनेट हुए हैं।
अधिक सर्दी को सहन नहीं कर पाते
चिड़ियाघर के सर्पबाड़े में इनके लिए हीटर आदि की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा चिड़ियाघर में ठंड बढ़ने पर अन्य जीवों के खानपान में भी कुछ बदलाव करते हुए उन्हें मल्टीविटामिन आदि सप्लीमेंट दिए जा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कोई भी जैविक हार्मोन 20 से 40 डिग्री सेल्सियस तक ही सही ढंग से काम करता है। इसलिए सभी स्तनधारियों का तापमान हमेशा निश्चित रहता है, जिससे उपापचय क्रिया ढंग से काम करे, लेकिन उभयचर और सरीसृप यानि रेप्टाइल में ऐसा नहीं होता। इसलिए ये अधिक गर्मी और अधिक सर्दी को सहन नहीं कर पाते। यही वजह है कि रेप्टाइल सर्दियों में हाइबरनेशन में चले जाते हैं।
उपापचय क्रियाएं बंद कर देते हैं सर्प
विषेशज्ञ बताते हैं, इस दौरान सर्प अपनी उपापचय क्रियाएं लगभग बंद कर देते हैं, जिससे उनकी ऊर्जा खर्च नहीं होती और उन्हें भोजन की जरूरत नहीं पड़ती। वे एक ही स्थान पर करीब तीन माह तक पड़े रहते हैं। कानपुर चिड़याघर के सभी प्रकार के रेप्टाइल अब हाइबरनेट हो चुके हैं। उन्हें अगले कुछ समय तक निष्क्रिय ही पाया जाएगा। 90 दिनों तक सर्प भोजन नहीं करते। कभी-कभार ही वह अपने बिलों से बाहर आते हैं। जू कर्मचारी उन्हें भोजन की व्यवस्था करते हैं। पर सांप उन्हें नहीं खाते। अजगर ही चूहों का आहार करता है।
13 प्रजातियों के हैं सांप
स्नेक हाउस में कुल 12 बाड़े हैं, जिनमें सरीसृप की 13 प्रजातियों को रखा गया है। बाड़े में 10 में से चार सांप ही जहरीले हैं। किंग कोबरा, कोबरा, रसल वाइपर बेहद जहरीले हैं, जबकि ट्री स्नेक मध्यम जहरीली प्रजाति का सांप है। इसके अलावा इगुआना लिजर्ड फैमिली का है। ये सभी रेप्टाइल हैं और सभी हाइबरनेट होते हैं। इन्हें कोल्ड ब्लडेड जीव कहा जाता है। वहीं चिड़ियाघर में वन्य जीवों का पोषण बेहतर हो और उन्हें ठंड में गर्मी का एहसास रहे, इसके लिए खानपान में भी कुछ बदलाव किए गए हैं।
90 दिनों तक सोते हैं सर्प
हाइबरनेशन को शीतनिद्रा या सुप्तावस्था भी कहते हैं। सांप जाड़े के असर से बचने के लिए इस मौसम में करीब तीन महीने तक लगातार सोते रहते हैं। इसके चलते सरीसृप गृह बंद कर दिया जाता है। तापमान बढ़ने पर मार्च में सरीसृप गृह दर्शकों के लिए जाता है। सांपों की देखभाल के लिए जू के कर्मचारियों की 24 घंटे ड्यूटी रहती है। डॉक्टर्स की टीम सांपों की निगरानी करती है। कमजोर व बीमार सांप को बाड़े से बाहर लाया जाता है और उसका इलाज किया जाता है। जानकार बताते हैं कि सांप इन 90 दिनों तक खुद को अकेला रखते हैं। भोजन देने पर भी उसे नहीं खाते।