Karur stampede: तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता और अब राजनेता बने थलपति विजय की रैली में मची भगदड़ ने 39 परिवारों की खुशियां हमेशा के लिए छीन लीं। यह घटना सिर्फ एक सांख्यिकीय आंकड़ा नहीं, बल्कि उन घरों का दर्द है जिनके सपने पल भर में चकनाचूर हो गए। मृतकों में 12 पुरुष, 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं। इन्हीं में से एक था 24 वर्षीय आकाश, जिसकी अगले महीने शादी होनी थी। परिजनों ने बताया कि तैयारियां जोरों पर थीं और घर में खुशी का माहौल था, लेकिन भगदड़ ने सारी रौनक छीन ली। Karur अस्पताल में रोती हुई उसकी मां ने बेटे की तस्वीर दिखाते हुए कहा– “अब किसे बनाऊंगी दूल्हा?”
Karur में विजय की रैली बनी मातम का मैदान
शनिवार शाम को करूर में विजय की पार्टी तमिऴग विदुथलाई काची (TVK) की रैली में भीड़ अचानक बेकाबू हो गई। पुलिस और आयोजनकर्ताओं ने 10,000 लोगों के आने का अनुमान लगाया था, लेकिन वास्तविक संख्या 27,000 तक पहुंच गई। गर्मी, इंतजार और व्यवस्थाओं की कमी ने हालात बिगाड़ दिए। जब मंच पर विजय आने की खबर फैली, लोग आगे बढ़ने लगे और भगदड़ मच गई। राज्य पुलिस महानिदेशक जी. वेंकटरामन ने पुष्टि की कि अब तक 39 मौतें हो चुकी हैं और दर्जनों लोग घायल हैं।
शादी के सपनों पर मातम की चादर
इस Karur हादसे की सबसे दर्दनाक कहानियों में से एक 24 वर्षीय आकाश की है। परिवार वालों ने बताया कि आकाश बेहद जिम्मेदार और मिलनसार था, जिसकी शादी अगले महीने तय थी। रिश्तेदारों की सूची तैयार हो चुकी थी और घर सजाने की तैयारी चल रही थी। लेकिन करूर की भगदड़ ने इन खुशियों को मातम में बदल दिया। अस्पताल में बेटे की लाश देखकर मां बुरी तरह टूट गई। उन्होंने बेटे की हाल की खींची एक सेल्फी दिखाते हुए कहा– “अब मैं किसे दूल्हा बनाऊंगी?” उनके शब्दों ने वहां मौजूद सभी की आंखों को नम कर दिया।
क्यों बिगड़े हालात?
डीजीपी के अनुसार, Karur पुलिस ने 20,000 लोगों तक की भीड़ संभालने का अनुमान लगाया था। लेकिन TVK के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर यह घोषणा कर दी गई थी कि विजय दोपहर 12 बजे पहुंचेंगे, जबकि उनका कार्यक्रम शाम 3 बजे से 10 बजे तक था। नतीजतन लोग सुबह 11 बजे से ही स्थल पर उमड़ने लगे। भीषण धूप और पानी-भोजन की कमी ने भीड़ को अधीर बना दिया। जब विजय रात करीब 7:40 बजे पहुंचे, तब तक स्थिति और विस्फोटक हो चुकी थी। विजय को मंच तक ले जाने के लिए बनाया गया सुरक्षा घेरा भी भगदड़ का कारण बना।
जांच और मुआवजा
तमिलनाडु सरकार ने घटना की जांच के लिए आयोग गठित कर दिया है। एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर डेविडसन एयरवाथम की अगुवाई में तीन आईजी, दो डीआईजी, 10 एसपी और करीब 2,000 पुलिसकर्मी करूर भेजे गए हैं। मृतकों के परिजनों को आर्थिक मुआवजा देने और घायलों का मुफ्त इलाज कराने का ऐलान किया गया है। हालांकि, यह मदद उन परिवारों के जख्मों पर मरहम नहीं लगा सकती जिन्होंने अपने अपनों को खो दिया है।