Friday, October 10, 2025
  • Login
News1India
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • विदेश
  • राज्य ▼
    • दिल्ली
    • हरियाणा
    • राजस्थान
    • छत्तीसगढ़
    • गुजरात
    • पंजाब
  • क्राइम
  • टेक्नोलॉजी
  • धर्म
  • मौसम
  • ऑटो
  • खेल
  • Home – Copy
EDITION
🇮🇳 IN ▼
🌬️
🔔 1
🔍
Home Latest News

कौन है वो पहली ‘नारी’ जिसने रखा था करवा चौथ का व्रत, इस पर्व की कहानी के साथ जानें पूजा का समय और विधि

करवा चौथ विवाहित महिलाओं द्वारा रखा जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्रत है। हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। करवा चौथ को कर्क चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। करवा चौथ का यह व्रत महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और उनकी कामना के लिए रखती हैं। इस बार करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा जा रहा है।

Vinod by Vinod
October 10, 2025
in Latest News, धर्म, राष्ट्रीय
492
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में आज करवा चौथ पर्व हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सुहागिनें अपने पतियों की दीर्धायु के लिए निर्जला व्रत रखे हुए हैं। कुछ ऐसे पति भी हैं जो पत्नियों के लिए उपवास किए हैं। करवा चौथ हिन्दू धर्म में सुहागिन महिलाओं का एक बड़ा त्योहार है, जिसका इंतजार वह कई माह से करती हैं। सोलह श्रृंगार करती हैं सुहाग की सलामती के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। फिर शाम में उगते हुए चांद को देखकर अर्घ्य देती हैं और पति का दर्शन एक छलनी के माध्यम से करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से करवा माता (देवी पार्वती का एक रूप) की कृपा से पति की आयु लंबी होती है। ऐसे में अब आपको बताते हैं करवा चौथ 2025 के बारे में। कब और किस वक्त चांद का होगा दीदार। करवा चौथ का व्रत पहली बार किसने रखा था और जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथाएं और मान्यताएं क्या हैं।

दरअसल, करवा चौथ विवाहित महिलाओं द्वारा रखा जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्रत है। हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। करवा चौथ को कर्क चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। करवा चौथ का यह व्रत महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और उनकी कामना के लिए रखती हैं। इस बार करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा जा रहा है। इस बार चतुर्थी तिथि की शुरुआत 9 अक्टूबर की रात 10 बजकर 54 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 10 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 38 मिनट पर होगा। इसके अलावा, करवा चौथ के दिन उपवास रखने का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 19 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में व्रती महिलाएं माता करवा की की पूजा, माता पार्वती की पूजा, भगवान गणेश की पूजा, कथा सुनना जैसे सभी कार्य किए जा सकते हैं।

RELATED POSTS

सिर्फ करवा चौथ पर खुलता है चौथ माता के मंदिर का दरवाजा, जानें प्रसाद में क्यों दिया जाता है ‘तांत्रिक कपड़ा’

सिर्फ करवा चौथ पर खुलता है चौथ माता के मंदिर का दरवाजा, जानें प्रसाद में क्यों दिया जाता है ‘तांत्रिक कपड़ा’

October 10, 2025
हसबैंड-वाइफ में हो अनबन तो करवा चौथ पर करें ये उपाय, खत्म हो जाएगी रार और रिश्ते में आएगी मिठास

हसबैंड-वाइफ में हो अनबन तो करवा चौथ पर करें ये उपाय, खत्म हो जाएगी रार और रिश्ते में आएगी मिठास

October 6, 2025

अब हम आपको बताते हैं करवा चौथ के व्रत की उस कहानी के बारे में, जिसे पढ़कर आप गदगद हो जाएंगे। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, करवा चौथ का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने रखा था। पर्वतराज हिमालय और देवी मैनावती की पुत्री पार्वती ने नारद जी की सलाह पर भगवान शिव पति के रूप में पाने के लिए घनघोर तपस्या की थी। लेकिन शिवजी न तो प्रसन्न हो रहे थे और न ही दर्शन दे रहे थे। तब माता पार्वती ने कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि निर्जला उपवास रखकर शिव-साधना की थी। कहते इसी व्रत से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हुई थी। इसीलिए सुहागिनें अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना से यह व्रत करती हैं और देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। जानकार बताते हैं कि माता पार्वती वह पहली नारी थीं, जिन्होंने भगवान भोले शंकर के लिए करवा चौथ का व्रत रखा। जानकार बताते हैं कि करवा चौथ का व्रत लाभादायी होता है और हिन्दुशस्त्रों में इसका अमह उल्लेख भी है।

करवा चौथ को लेकर एक और पौराणिक कथा है। इस कथा के अनुसार, एक बार देवताओं और दानवों के बीच भीषण युद्ध छिड़ा था। सभी देवियां बेहद चिंतित थीं। वे ब्रह्मदेव के पास पहुंचीं और ब्रह्मदेव से अपनी पतियों की रक्षा के लिए सुझाव मांगा था। कहते हैं, तब ब्रह्मा जी देवियों को कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रत रखने की सलाह दी थी। बाद में यह तिथि करवा चौथ के रूप में प्रचलित हुई। इतना ही नहीं करवा चौथ व्रत के दिन उपवास का संबंध रामायण काल से भी जुड़ा हुआ बताया जाता है। मान्यताओं के मुताबिक माता सीता ने भगवान श्री राम के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। माता सीता ने अपने पति के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। करवा चौथ का जिक्र महाभारत काल में भी है। महाभारत का युद्ध शुरू होने से कुछ समय पहले की बात है। एक दिन द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण से पांडवों के संकट से उबरने का उपाय पूछा था। तब उन्होंने उन्हें कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि के दिन करवा का व्रत करने को कहा था। कहते हैं, माता करवा की कृपा से पांडव सकुशल बचे थे।

करवा चौथ को लेकर एक और पौराणिक कथा है। इस कथा के अनुसार, करवा नामक महिला थी, जो अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के किनारे रहती थी। एक दिन, उसके पति नदी में स्नान कर रहे थे, तभी एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और उन्हें नदी में खींचने लगा। करवा ने अपने पति की पुकार सुनकर तुरंत एक कच्चा धागा लेकर मगरमच्छ को एक पेड़ से बांध दिया। करवा के सतीत्व के कारण मगरमच्छ कच्चे धागे से बंध गया और हिल तक नहीं पा रहा था। करवा ने यमराज को पुकारा और अपने पति को जीवनदान देने और मगरमच्छ को मृत्युदंड देने के लिए प्रार्थना की। यमराज ने करवा की बात मानी और मगरमच्छ को यमलोक भेज दिया। साथ ही, यमराज ने करवा के पति को जीवनदान दे दिया। इसी तरह, सावित्री ने भी अपने पति के प्राणों की रक्षा के लिए यमराज से प्रार्थना की थी। सावित्री ने अपने पति को वट वृक्ष के नीचे लपेटकर रखा था और यमराज को अपने पति के प्राण लौटाने पड़े थे। सावित्री को ताउम्र सुहागन का वरदान मिला था।

अब हम आपको करवा चौथ के पूजन के बारे में बताते हैं। करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से शुरू हो जाता है और फिर पूरे दिन निर्जला उपवास रखा जाता है। पूजा के लिए सोलह श्रृंगार करके तैयार हों जाए और दीवार पर करवा माता का चित्र बनाएं या बाजार से बना बनाया खरीद कर लगाएं। फिर, चावल के आटे में हल्दी मिलाकर जमीन पर चित्र बनाएं। जमीन में बने इस चित्र के ऊपर करवा रखें। करवा में आप 21 या 11 सींकें लगाएं और करवा के भीतर खील बताशे, साबुत अनाज इनमें से कुछ भी डालें। इसके बाद भोग के लिए आटे की बनी पूड़ियां, मीठा हलवा, खीर आदि रखें. फिर, करवा के साथ आप सुहाग की सामग्री भी अवश्य चढ़ाएं। यदि आप सुहाग की सामग्री चढ़ा रही हैं तो सोलह श्रृंगार चढ़ाएं। करवा के पूजन के साथ एक लोटे में जल भी रखें इससे चंद्रमा को जल दिया जाता है। पूजा करते समय करवा चौथ की व्रत कथा जरूर सुने। चांद निकलने के बाद छलनी से पति को देखें। फिर चांद के दर्शन करें। चन्द्रमा को जल से अर्घ्य दें और पति की लंबी उम्र की कामना करें।

 

Tags: Karwa Chauth 2025Karwa Chauth 2025 latest newsKarwa Chauth festivalKarwa Chauth news
Share197Tweet123Share49
Vinod

Vinod

Related Posts

सिर्फ करवा चौथ पर खुलता है चौथ माता के मंदिर का दरवाजा, जानें प्रसाद में क्यों दिया जाता है ‘तांत्रिक कपड़ा’

सिर्फ करवा चौथ पर खुलता है चौथ माता के मंदिर का दरवाजा, जानें प्रसाद में क्यों दिया जाता है ‘तांत्रिक कपड़ा’

by Vinod
October 10, 2025

नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। करवा चौथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी...

हसबैंड-वाइफ में हो अनबन तो करवा चौथ पर करें ये उपाय, खत्म हो जाएगी रार और रिश्ते में आएगी मिठास

हसबैंड-वाइफ में हो अनबन तो करवा चौथ पर करें ये उपाय, खत्म हो जाएगी रार और रिश्ते में आएगी मिठास

by Vinod
October 6, 2025

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। देश में करवा चौथ पर्व को लेकर धूम हैं। महिलाएं बाजारों में जाकर खरीदारी कर रही हैं।...

Next Post
RJD

नीतीश वाली सोशल इंजीनियरिंग को RJD का करारा जवाब! 'कुशवाहा दांव' से NDA के गढ़ में लगेगी सेंध?

सिर्फ करवा चौथ पर खुलता है चौथ माता के मंदिर का दरवाजा, जानें प्रसाद में क्यों दिया जाता है ‘तांत्रिक कपड़ा’

सिर्फ करवा चौथ पर खुलता है चौथ माता के मंदिर का दरवाजा, जानें प्रसाद में क्यों दिया जाता है ‘तांत्रिक कपड़ा’

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

News1India

Copyright © 2025 New1India

Navigate Site

  • About us
  • Privacy Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
    • दिल्ली
    • हरियाणा
    • राजस्थान
    • छत्तीसगढ़
    • गुजरात
    • पंजाब
  • क्राइम
  • टेक्नोलॉजी
  • धर्म
  • मौसम
  • ऑटो
  • खेल
  • Home – Copy

Copyright © 2025 New1India

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

Go to mobile version