Bundelkhand के किसानों के लिए अनुदान की सौगात: एकीकृत बागवानी मिशन

बुंदेलखंड के किसानों के लिए अच्छी खबर है! उद्यान विभाग **एकीकृत बागवानी मिशन योजना** के तहत प्याज, लहसुन, तुलसी और जैविक खेती सहित विभिन्न फसलों पर प्रति हेक्टेयर **भारी अनुदान** दे रहा है। किसान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं और अपनी आय बढ़ा सकते हैं।

Bundelkhand

Bundelkhand Farmers Grant: उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने एकीकृत बागवानी मिशन योजना (Integrated Horticulture Mission) की शुरुआत की है, जिसके माध्यम से किसानों को उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना के तहत, महोबा सहित पूरे बुंदेलखंड के किसान जैविक खेती के साथ-साथ पारंपरिक और औषधीय फसलों जैसे प्याज, लहसुन, तुलसी, लेमग्राम और अदरक की खेती पर प्रति हेक्टेयर अनुदान प्राप्त कर सकते हैं।

विभाग का उद्देश्य किसानों को न केवल बेहतर मुनाफा कमाने में मदद करना है, बल्कि उन्हें आधुनिक और लाभकारी कृषि पद्धतियों की ओर प्रेरित करना भी है। योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है, जिसमें पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर चयन किया जाएगा। किसानों को सलाह दी गई है कि वे निर्धारित लक्ष्यों की सीमा समाप्त होने से पहले आवेदन करें।

खेती और फसलों पर अनुदान की दरें और लक्ष्य

सरकार ने किसानों को उनकी आय बढ़ाने में मदद करने के लिए विभिन्न फसलों पर अलग-अलग और आकर्षक अनुदान राशि निर्धारित की है। संकर शाकभाजी की खेती के लिए सर्वाधिक 24,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जा रहा है, जिसके लिए 100 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है।

फसल का नाम अनुदान राशि (प्रति हेक्टेयर) निर्धारित लक्ष्य (हेक्टेयर)
संकर शाकभाजी ₹24,000 100
प्याज ₹20,000 4
लहसुन ₹20,000 4
तुलसी, लेमग्राम, पामारोजा ₹12,000 8
अदरक ₹24,000 4
अन्य जैविक खेती ₹1,500 5
मसाले (धनिया, मैंथी, सौंफ, जीरा, अजवाइन) ₹12,000 1

आवेदन प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण लाभ

योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसानों को लैपटाप, मोबाइल या जनसेवा केंद्र के माध्यम से उद्यान विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार के अनुसार, किसानों का चयन ‘प्रथम आवक-प्रथम पावक’ (First come, first served) की नीति पर उपलब्ध भौतिक लक्ष्यों की सीमा तक ही किया जाएगा। इसलिए, आवेदन में देरी न करें।माइक्रोइरीगेशन अंतर्गत ड्रिप स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली का उपयोग करने वाले किसानों को इस योजना में प्राथमिकता दी जाएगी। अनुदान की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन इससे पहले स्थलीय सत्यापन किया जाएगा।

Bundelkhand किसान को कार्यक्रम पर होने वाला प्रारंभिक खर्च स्वयं वहन करना होगा।खेती के साथ-साथ, किसानों को सब्जियों के रखरखाव के लिए मचान बनाने पर 10,000 रुपये और कृषि भूमि की घेराबंदी के लिए 150 रुपये प्रति वर्ग मीटर (5,000 वर्ग मीटर तक) का भी अनुदान दिया जाएगा। उद्यान विभाग ने बुंदेलखंड के सभी किसानों से अपील की है कि वे इस कल्याणकारी योजना का लाभ उठाने के लिए जल्द से जल्द संपर्क करें और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करें।

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