Kupwara Encounter:LOC पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम, सेना ने शुरू किया ‘ऑपरेशन पिंपल’ , केरन सेक्टर में दो आतंकियों को मार गिराया

कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में सेना ने घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को मार गिराया। "ऑपरेशन पिंपल" नामक इस कार्रवाई से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर एक और बड़ा प्रहार हुआ है।

Kupwara Encounter: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले से एक बार फिर आतंकवाद से जुड़ी बड़ी खबर आई है। केरन सेक्टर में भारतीय सेना ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया। यह मुठभेड़ उस वक्त शुरू हुई जब खुफिया एजेंसियों से सीमा पार से घुसपैठ की सूचना मिली। जानकारी के अनुसार, आतंकियों ने रात के अंधेरे में भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन सतर्क जवानों ने उन्हें तुरंत घेर लिया। जवाबी कार्रवाई में दोनों आतंकवादी मारे गए। इस पूरे अभियान को सेना ने “ऑपरेशन पिंपल” नाम दिया है।

कैसे चला “ऑपरेशन पिंपल”?

चिनार कॉर्प्स के मुताबिक, यह ऑपरेशन 7 नवंबर 2025 को शुरू हुआ था। खुफिया इनपुट के आधार पर सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने संयुक्त कार्रवाई की। रात करीब 11 बजे संदिग्ध हलचल देखी गई, जिसके बाद इलाके को तुरंत घेर लिया गया। आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं, लेकिन सेना ने मोर्चा संभालते हुए जवाबी फायरिंग की। कुछ ही मिनटों में दोनों आतंकवादी ढेर हो गए। इसके बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है ताकि कोई और आतंकी छिपा न हो।

क्या सीमा पार से फिर सक्रिय हो रहे हैं आतंकी नेटवर्क?

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह मुठभेड़ पाकिस्तान से भेजे गए नए घुसपैठी मॉड्यूल की ओर इशारा करती है। पिछले कुछ महीनों में कुपवाड़ा, केरन और बारामूला सेक्टर में घुसपैठ की कोशिशें तेज हुई हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों से पहले पाकिस्तान आतंकियों को सीमा पार भेजने की कोशिशें बढ़ा देता है, क्योंकि बर्फबारी के बाद रास्ते बंद हो जाते हैं। इसी साल 14 अक्टूबर को भी इसी इलाके में दो आतंकियों को मारा गया था। यह साफ दिखाता है कि पाकिस्तान की तरफ से आतंक फैलाने की कोशिशें जारी हैं।

एलओसी का रणनीतिक महत्व

जम्मू-कश्मीर में लगभग 740 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) है, जबकि अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) करीब 240 किलोमीटर लंबी है।

LoC: बारामूला, कुपवाड़ा, बांदीपोरा और जम्मू के कुछ हिस्सों से गुजरती है।

IB: जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में फैली हुई है।
यही वो क्षेत्र हैं जहां से आतंकियों की घुसपैठ और गोलीबारी की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं।

सेना की सतर्कता ने फिर दिया मजबूत संदेश

कुपवाड़ा की यह मुठभेड़ एक बार फिर साबित करती है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, लेकिन भारतीय सेना की तत्परता और सटीक कार्रवाई से हर साजिश नाकाम हो रही है।
सेना की इस कार्रवाई ने देश को एक बार फिर यह भरोसा दिलाया है कि भारत की सीमाओं की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

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