Uttar Pradesh news:लखीमपुर खीरी जिले के मैगलगंज कस्बे में बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। दिल्ली से सीतापुर जा रही एक डग्गामार स्लीपर बस में अचानक आग लगने से अफरातफरी मच गई। बताया जा रहा है कि बस मुख्य चौराहे पर यात्रियों को उतारने और जलपान के लिए रुकी हुई थी, तभी उसके पिछले हिस्से से धुआं उठने लगा। कुछ ही पलों में आग ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया। बस में करीब 100 यात्री सवार थे, जिनमें से अधिकतर ने खिड़कियों और दरवाजों से कूदकर अपनी जान बचाई।
स्थानीय लोगों ने दिखाई बहादुरी
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने राहत कार्य शुरू किया। उन्होंने बस में फंसे यात्रियों को बाहर निकालने में मदद की। कई लोगों ने साहस दिखाते हुए जलती बस के पास जाकर यात्रियों को बचाया। हालांकि, बस में रखा यात्रियों का सारा सामान आग में जलकर राख हो गया।
20 यात्री झुलसे, अस्पताल में भर्ती
इस हादसे में करीब 20 यात्री झुलस गए, जिनमें से कुछ की हालत थोड़ी गंभीर बताई जा रही है। सभी घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि अधिकतर यात्रियों को हल्की जलन और धुएं से सांस लेने में परेशानी हुई, लेकिन कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है। फिलहाल सभी यात्री खतरे से बाहर हैं।
आग लगने के कारणों की जांच जारी
आग लगने के कारणों का अभी तक स्पष्ट खुलासा नहीं हो सका है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग संभवतः शॉर्ट सर्किट या इंजन में तकनीकी खराबी के कारण लगी हो सकती है। हालांकि, पुलिस और फायर ब्रिगेड विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और सटीक कारणों का पता लगाया जा रहा है।
फायर ब्रिगेड की देरी पर भड़के लोग
घटना की सूचना मिलते ही मैगलगंज कोतवाल रविंद्र पांडे मौके पर पहुंचे और फायर ब्रिगेड को बुलाया। लेकिन दमकल टीम को घटनास्थल तक पहुंचने में लगभग दो घंटे का समय लग गया। इस देरी से स्थानीय लोग बेहद नाराज दिखे। उनका कहना था कि यदि फायर ब्रिगेड समय पर पहुंच जाती, तो आग को नियंत्रित किया जा सकता था और इतना बड़ा नुकसान नहीं होता।
डग्गामार बसों की सुरक्षा पर उठे सवाल
इस हादसे ने डग्गामार बसों में सुरक्षा मानकों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए इन बसों में पर्याप्त इंतज़ाम नहीं होते, जिससे उनकी जान हमेशा जोखिम में रहती है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे वाहनों की नियमित जांच कराए और सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन करवाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।