Kashmir Times Raid: जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने गुरुवार को प्रतिष्ठित कश्मीर टाइम्स अखबार के जम्मू स्थित दफ्तर पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में दफ्तर से AK राइफल्स के कारतूस, पिस्तौल की गोलियां और हैंड ग्रेनेड के पिन बरामद किए गए हैं। यह कार्रवाई अखबार और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ देश-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में दर्ज मामले के सिलसिले में की गई है। अधिकारियों ने बताया कि SIA की टीमों ने कंप्यूटर्स सहित पूरे दफ्तर की तलाशी ली और आगामी दिनों में प्रमोटर्स से पूछताछ की जा सकती है। 1954 में दिग्गज पत्रकार वेद भसीन द्वारा स्थापित, यह अखबार लंबे समय से अलगाववादी समर्थक माना जाता रहा है, जिसकी वर्तमान में कमान उनकी बेटी अनुराधा भसीन जामवाल और उनके पति प्रबोध जामवाल संभाल रहे हैं।
स्वतंत्र पत्रकारिता को ‘चुप’ कराने की कोशिश का दावा
Kashmir Times के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई अखबार और उसके प्रमोटर्स पर देश-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में दर्ज एक मामले से जुड़ी है। दफ्तर से गोला-बारूद की बरामदगी ने मामले को और गंभीर बना दिया है।
Kashmir Times अखबार के संपादकों ने इस कार्रवाई को स्वतंत्र पत्रकारिता को चुप कराने की एक सुनियोजित कोशिश बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। संयुक्त बयान में अनुराधा भसीन जामवाल और प्रबोध जामवाल ने स्पष्ट कहा कि “सरकार की आलोचना करना देश-विरोधी होना नहीं है।” उन्होंने कहा कि एक मजबूत और सवाल उठाने वाली प्रेस स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अनिवार्य है और उनके खिलाफ लगे आरोप डराने, बदनाम करने और खामोश करने के लिए गढ़े गए हैं, लेकिन वे खामोश नहीं होंगे। उन्होंने इन आरोपों को वापस लेने की मांग की और एकजुटता दिखाने के लिए मीडिया साथियों और नागरिक समाज संगठनों का आह्वान किया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और विरोध
जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी ने इस मामले पर संतुलित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कार्रवाई तभी होनी चाहिए जब कुछ गलत पता चले। उन्होंने कहा, “अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन अगर सिर्फ दबाव बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है, तो यह गलत होगा।”
वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की नेता और महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने छापेमारी की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे बेतुका बताते हुए कहा कि कश्मीर टाइम्स क्षेत्र के उन चुनिंदा अखबारों में से एक है जो सत्ता को सच का आईना दिखाता रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि “देश-विरोधी गतिविधियों के नाम पर उनके दफ्तर पर छापा मारना सरासर दादागीरी है” और कश्मीर में सच बोलने वाले हर माध्यम का गला घोंटा जा रहा है।





