Agra News : स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शहर भर में जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है, जिसमें लोगों को घरों और आस-पास के इलाकों में पानी जमा न होने देने की सलाह दी जा रही है. विभाग ने बताया कि रुके हुए पानी में मच्छरों के पनपने की संभावना अधिक होती है, जो डेंगू और मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों का मुख्य स्रोत है. विभाग ने घरों के कूलरों, गमलों, टायरों, और पानी के अन्य स्रोतों की सफाई पर जोर देने की अपील की है.
बेहतर सुविधाएं उपलब्ध
नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर फॉगिंग और एंटी-लार्वल स्प्रे का कार्य कर रही हैं. इसके साथ ही स्थानीय अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया से पीड़ित मरीजों के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं, जहां इलाज की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि डेंगू के मरीजों को विशेष रूप से प्लेटलेट्स की गिरावट की निगरानी की जरूरत होती है, और इसके लिए ब्लड बैंक को भी तैयार रखा गया है.
डेंगू और मलेरिया के लक्षण
डेंगू और मलेरिया के लक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए विभाग ने बताया कि बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, और शरीर पर लाल चकत्ते दिखने जैसे लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. खासतौर से बच्चों और बुजुर्गों को अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
मच्छरदानी का इस्तेमाल
शहर के विभिन्न इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता पोस्टर और बैनर लगाए जा रहे हैं, ताकि लोग इस बीमारी के प्रति सतर्क रहें. स्थानीय निकायों ने यह भी अपील की है कि लोग नियमित रूप से मच्छरदानी का उपयोग करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाले उपाय अपनाएं.
डेंगू और मलेरिया की दस्तक को देखते हुए आगरा के स्वास्थ्य विभाग की यह पहल बेहद जरूरी है, ताकि समय रहते इन बीमारियों को फैलने से रोका जा सके और नागरिकों का स्वास्थ्य सुरक्षित रखा जा सके.
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