नई दिल्ली: मिडिल ईस्ट में लंबे समय से युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। इस्माइल हानिया की मौत के बाद यहां हालात अब और ज्यादा गंभीर हो गए हैं। हमास चीफ हानिया के मारे जाने के बाद इजराइल (Israel) और ईरान के बीच टेंशन काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा है।
सिर्फ एक चिंगारी इजराइल (Israel) और ईरान के बीच कभी भी वॉर का बिगुल बजा सकती है। इन दोनों देशों के अलावा सीरिया में भी लगातार हमले हो रहे हैं। हाल ही में, सीरिया में एक अमेरिकी सैन्य बेस पर हमले की ख़बर सामने आई है। हालांकि यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि हमला किसने किया, लेकिन संदेह है कि ईरान समर्थित मिलिशिया समूह इसमें शामिल हो सकता है!
सीरिया में हुए इस अटैक के बाद एक अमेरिकी रक्षा (Israel) अधिकारी ने बताया कि इस हमले में एकतरफा मानवरहित एरियल सिस्टम का इस्तेमाल किया गया, जो सीरिया के रूमालिन लैंडिंग जोन में अमेरिकी और गठबंधन सेनाओं को लक्ष्य बनाकर किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि किसी के घायल होने या नुकसान होने की कोई खबर नहीं है, लेकिन टीम अभी भी जांच कर रही है। ये हमला ड्रोन के जरिए किया गया था।
डिफेंस ऑफिसर ने यह भी बताया कि हमला 9 अगस्त की शाम लगभग 5 बजे हुआ। सोशल मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक, हमले की जगह पर आग लगने के संकेत मिले हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में, पश्चिमी इराक में भी एक हमला हुआ था, जिसमें 5 अमेरिकी घायल हुए थे। इस हमले में दो रॉकेट्स अल-असद एयर बेस पर दागे गए थे, और पेंटागन ने इसे मिलिशिया ग्रुप का काम बताया, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कौन सा समूह इसके लिए जिम्मेदार था।
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इस समय सीरिया में लगभग 900 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, जो इस्लामिक स्टेट के खिलाफ स्थानीय कुर्द बलों का समर्थन कर रहे हैं। इजराइल और हमास के बीच संघर्ष के शुरू होने के बाद से, ईरान समर्थित मिलिशिया समूह ने इराक और सीरिया में अमेरिकी ठिकानों को अपना निशाना बनाया हुआ है। 18 अक्टूबर के बाद से, इन समूहों ने लगभग 170 हमले किए हैं, जिन्हें इजराइल-हमास युद्ध के प्रतिशोध के रूप में देखा जा रहा है।