दिल्ली में नई मुख्यमंत्री की नियुक्ति पर मचा बवाल! स्वाति मालीवाल ने उठाए गंभीर सवाल

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के तौर पर आतिशी मार्लेना की नियुक्ति ने राजनीतिक सरगर्मियाँ बढ़ा दी हैं। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने उनके परिवार की विवादास्पद पृष्ठभूमि पर चिंता जताते हुए इस नियुक्ति को दिल्ली के लिए “दुखद” करार दिया है। इसी बीच, आतिशी की संपत्ति और व्यक्तिगत जीवन पर भी सवाल उठ रहे हैं, जिससे दिल्ली की राजनीतिक फिजा और भी गरम हो गई है।

Atishi Marlena

Atishi Marlena: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी मार्लेना को मुख्यमंत्री चुने जाने पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। स्वाति मालीवाल, आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद, ने इस नियुक्ति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही आतिशी का परिवार आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु को फांसी से बचाने की लंबी लड़ाई में शामिल रहा है।

मालीवाल ने एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “दिल्ली के लिए आज बहुत दुखद दिन है। एक ऐसी महिला को मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है जिनके परिवार ने आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु को बचाने के लिए राष्ट्रपति को दया याचिकाएं लिखी। उनके हिसाब से अफ़ज़ल गुरु निर्दोष था और उसे राजनीतिक साज़िश के तहत फँसाया गया था।”

आतिशी की संपत्ति और क्या है सच?

Atishi Marlena की नियुक्ति के साथ ही उनके व्यक्तिगत जीवन और संपत्ति को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, तेजतर्रार शिक्षा मंत्री आतिशी को नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। हालांकि, उनकी संपत्ति की रिपोर्ट ने कई लोगों को चौंका दिया है।

आतिशी के हलफनामे के अनुसार, उनके पास केवल 30 हजार रुपये नकद हैं, जबकि उनके बैंकों और अन्य व्यावसायिक फर्मों में जमा राशि 1.41 करोड़ रुपये से अधिक है। आश्चर्यजनक रूप से, उनके पास कोई संपत्ति, घर या कार नहीं है। उनकी कुल संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें से 5 लाख रुपये की एलआईसी पॉलिसी भी शामिल है।

Atishi Marlena का राजनीतिक सफर

आतिशी 2012 के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान राजनीति में आईं और आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। 2019 में पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव हारने के बाद, उन्हें 2020 में कालकाजी विधानसभा सीट से टिकट मिला, जहां वे विजयी हुईं और मंत्री बनाई गईं।

आतिशी के सीएम बनने के साथ ही दिल्ली की राजनीति में एक नई जटिलता आ गई है, और भविष्य में यह देखना होगा कि उनके नेतृत्व में राजधानी की दिशा क्या होगी।

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