Char Dham Yatra New Rules: 10 मई से चार धाम यात्रा शुरू हो चुकी है। उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री इन चारों पवित्र धामों की यात्रा करने के लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन कराना होना अनिवार्य है। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु इस पवित्र यात्रा के लिए उत्तराखंड पहुंच भी चुके हैं। इसी बीच सरकार की ओर से चार धाम यात्रा को लेकर नई गाइडलाइंस भी जारी कर दी गई हैं। नए नियमों के मुताबिक सरकार ने चार धाम यात्रा के दौरान कई चीजों पर बैन लगा दिया है। नियमों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
चार धाम यात्रा के नए नियम (Char Dham Yatra New Guidelines)
आजकल सोशल मीडिया पर रील बनाने का चलन कुछ ज्यादा ही है। हर छोटी-बड़ी, अच्छी-बुरी चीजों की लोग रील बनाकर अपलोड कर देते हैं। यहां तक की अगर अस्पताल में बीमारी के कारण भर्ती भी हैं, तो भी लोग रील बनाते हैं। रील बनाने की लत ने तो मंदिर को भी नहीं छोड़ा। जहां पहले लोग भगवान के दर्शन करने जाते थे, वहां अब लोग सिर्फ रील बनाने जाते हैं। जिस कारण मंदिर का माहौल भी खराब हो जाता है। इसीलिए उत्तराखंड प्रशासन ने मंदिर और मंदिर के आस-पास रील बनाने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। अगर किसी ने भी नियम तोड़ा तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी।
रील के अलावा लोग जहां भी जाते हैं, सबसे पहले उस जगह की तस्वीरें खींचते हैं। इस वजह से कई बार काफी भीड़ इकट्ठी हो जाती है। इसी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने मंदिर परिसर में फोन के इस्तेमाल पर भी बैन लगा दिया है।
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सीएम धामी ने तीर्थयात्रियों से की अपील
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “मैंने चार धाम यात्रा को लेकर हर चीज की समीक्षा की है और सभी वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। यात्रा के लिए आने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। यात्रा के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या दोगुनी हो गई है। मैंने पहले ही लोगों से अपील की है कि सुचारू प्रशासन के लिए पूर्व पंजीकरण कराने के बाद ही यात्रा में आएं। मैं लोगों से फिर से अपील करना चाहूंगा कि वे अपनी तीर्थयात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा दिशा-निर्देशों का पालन करें।”