
कंपनी द्वारा उठाए गए कदम
टोरेंट फार्मास्युटिकल्स ने इस जुर्माने के खिलाफ अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि कंपनी ने हमेशा सभी Tax नियमों का पालन किया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि GST अधिकारियों को सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे, और यह जुर्माना किसी अनजाने में की गई गलती के कारण लगाया गया है। कंपनी ने अपनी वित्तीय और लेखांकन प्रणाली में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने की बात नकारा किया और इस जुर्माने को गलत ठहराया।
GST विभाग की सख्त कार्रवाई
GST विभाग ने स्पष्ट किया है कि कंपनी द्वारा किए गए उल्लंघन से भारतीय Tax प्रणाली को नुकसान पहुंचा है, और इसलिए यह कार्रवाई की गई है। विभाग ने यह भी बताया कि अगर टोरेंट फार्मास्युटिकल्स भविष्य में इसी प्रकार के उल्लंघन में लिप्त पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। विभाग ने इस मामले में पारदर्शिता बनाए रखने और कर चोरी के खिलाफ अपनी सख्त नीतियों को दोहराया। ₹41 करोड़ का जुर्माना टोरेंट फार्मास्युटिकल्स के लिए एक गंभीर वित्तीय संकट का कारण बन सकता है। इस भारी जुर्माने के कारण कंपनी के वित्तीय आंकड़े प्रभावित हो सकते हैं, और इसकी नकदी प्रवाह (कैश फ्लो) पर नकारात्मक असर हो सकता है। इससे कंपनी की निवेशक धारणा और स्टॉक मार्केट पर भी असर पड़ेगा। हालांकि, कंपनी ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए अदालत में अपील करने की संभावना जताई है। टोरेंट फार्मास्युटिकल्स के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की जानबूझकर धोखाधड़ी करने का उनका इरादा नहीं था। उन्होंने उम्मीद जताई कि GST प्राधिकरण इस मामले पर पुनर्विचार करेगा और सही निष्कर्ष पर पहुंचेगा।