संसार में पैदा (Poulomi Das) हुआ हर इंसान किसी न किसी के लिए जरूर महत्वपूर्ण होता है। ये बात तो सभी जानते हैं कि एक मां के लिए उसकी संतान कितनी प्यारी होती हो, फिर चाहे वह काली हो गोरी हो छोटी हो लंबी हो या फिर उसमें कुछ कमी हो तो भी मां उसे अपने लाड़-प्यार से निहारती रहती हैं, चाहे दूसरे कितनी भी बातें क्यों न बनाए लेकिन एक मां के लिए उसकी संतान सबसे अनमोल रहती है।
ये सब बातें इसलिए बताई जा रही है क्योंकि बिग बॉस ओटीटी के सीजन-3 से बाहर होने के बाद पौलोमी दास (Poulomi Das) को रंग भेद की नीति का आज के जमाने में सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, पौलोमी दास ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि बिग बॉस के घर से बाहर होने के बाद किस तरह से शिवानी कुमारी के फॉलोअर्स सोशल मीडिया पर उन्हें उनके फोटोग्राफ्स के नीचे, काली कलूटी, काली डायन और अंधेरे में भी नहीं दिखती जैसे कमेंट कर ट्रोल कर रहे हैं।
इस मुद्दे पर खुलकर बात करते हुए पौलोमी दास ने आगे कहा, अग्रेंजी में एक कहावत है। विद ग्रेट पावर कम्स ग्रेट रिस्पॉन्सिबिलिटी, यानी कि जब आपके पास पावर आती है तब आपके ऊपर की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है, जो अपने आप को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कहते हैं, उन्हें ये पता होना चाहिए कि अपने शब्दों से वो लाखों लोगों को इन्फ्लुएंस करते हैं, उनकी बातों का सीधा असर उन्हें फॉलो करने वालों की सोच पर होता है, वो उनकी सही और गलत दोनों बातों से प्रभावित होते हैं लेकिन शिवानी को ये बात समझ में नहीं आई।
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इस बात को आगे जारी रखते हुए पौलोमी दास ने कहा, शिवानी कोई बच्ची नहीं है लेकिन उनके इस रवैये से ये स्पष्ट होता है कि पढ़ाई कितनी जरूरी है। आज उनकी वजह से लोग मेरी पोस्ट के नीचे कमेंट कर रहे हैं, वो मुझे काली-कलूटी, काली डायन, अंधेरे में नहीं दिखती जैसे कमेंट कर ट्रोल करने की कोशिश में लगे हुए हैं। इससे पहले कभी भी किसी ने सोशल मीडिया पर मेरे रंग को लेकर मेरा मजाक नहीं उड़ाया था। हालांकि चंडीगढ़ का चिंटू मेरे बारे में क्या बोलता है इससे मुझे घंटा फर्क नहीं पड़ता। अगर हिम्मत है तो ये बातें मेरे सामने आकर मुझसे कहो और आपने ऐसा कर दिखाया तो मैं इस बात का जरूर ख्याल रखूंगी कि आप आगे से कभी भी किसी के लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करने के लायक न रहें।