नई दिल्ली। संदेशखाली मैसेज मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को मुख्य आरोपी के वकील से कहा कि कोर्ट को टीएमसी कांग्रेस नेता शाहजहां शेख से कोई सहानुभूति नहीं है. यौन उत्पीड़न और जमीन मामले पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने उनके वकील को 4 मार्च को कोर्ट में पेश होने का निर्देश जारी किया है.
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सोमवार को सुनवाई के दौरान पेश होने को कहा
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने उन्हें सोमवार को सुनवाई के दौरान पेश होने को कहा है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर शाहजहां शेख ने वकील को पावर ऑफ अटॉर्नी दी होती तो उनका पता चल जाता. कृपया ध्यान दें कि पावर ऑफ अटॉर्नी एक दस्तावेज है जिसके द्वारा एक वकील अदालत के सामने अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकृत होता है.
टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ दर्ज हैं 42
बता दें कि यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपी शाहजहां शेख को राज्य पुलिस ने गुरुवार सुबह गिरफ्तार किया था. शाहजहां शेख के वकील ने कहा कि अग्रिम जमानत के लिए उनकी अपील दो दिन पहले खारिज कर दी गई थी. इसके साथ ही उनके द्वारा दायर चार अन्य आवेदन अभी भी अदालतों के समक्ष लंबित हैं. इस पर जज ने कहा कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ 42 मामले लंबित हैं.
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शेख से जुड़े मामलों को संभालने के लिए कानूनी टीम की जरूरत
हाई कोर्ट के जज ने खाली मैसेज से जुड़े मामले पर टिप्पणी करते हुए वकील से कहा कि आपके पास अगले दस साल तक काम रहेगा और आपके पास किसी अन्य ब्रीफ को संभालने का भी समय नहीं होगा. उन्होंने कहा कि शाहजहां शेख से जुड़े मामलों को संभालने के लिए वकील की एक बड़ी कानूनी टीम की जरूरत होगी.