Chaitra Navratri 2023 3rd Day: नवरात्रि के हर एक दिन आदिशक्ति की पूजा करने के लिए खास है। देवी मां के नौ दिन नौ रूप नौ वरदान हैं। देवी के आशीर्वाद से ग्रहों का संकट, जीवन में बाधाएं और मानसिक परेशानियां दूर हो जाती हैं।
11 अप्रैल, गुरुवार को चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है। नवरात्रि के तीसरे दिन गुरुवार को मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। ज्योतिषाचार्य पंडित पीयूष पाराशर से जानें मां चंद्रघंटा की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त..।
मां की पूजा करने का अच्छा समय
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा शुभ मुहूर्त में ही करें। पूजा करने का शुभ समय सुबह 10 बजे 45 मिनट से दोपहर 12 बजे 10 मिनट तक है। अमृत काल दोपहर 12 बजे 11 मिनट से 1 बजे 36 मिनट तक चलता है।
साथ ही, अपराह्न 3 बजकर 3 मिनट से शाम 4 बजकर 27 मिनट तक शुभ मुहूर्त है।
तीसरे दिन की आरती
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि: नवरात्रि के तीसरे दिन लाल कपड़े पहनकर मां चंद्रघंटा की पूजा करें। इस दिन स्नान करने के बाद सबसे पहले सभी देवताओं का आह्वान करना चाहिए.
फिर मां चंद्रघंटा का ध्यान करके गंगाजल से प्रतिमा को स्नान करना चाहिए। चंद्रघंटा को धूप, रोली, चंदन, दीप, अक्षत और अक्षत अर्पित करें।
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पूजा के दौरान मां को शंखपुष्पी और कमल के फूल चढ़ाए गए। रक्त चंदन, लाल चुनरी और लाल फूल मां को देना चाहिए। दूध या दूध से बनी मिठाई मां को दें। मां का मंत्र जाप करें। पूजा के अंत में व्रत कथा का पाठ और आरती करना अनिवार्य है।
इन चीजों का भोग मां को दें
मां दुर्गा के प्रत्येक स्वरूप की पूजा करते समय अलग-अलग भोग लगाए जाते हैं। नवरात्रि के तीसरे दिन रात्रि में माता को चंद्रघंटा के सामने बैठना चाहिए. फिर माता को लाल वस्त्र और लाल फूल देना चाहिए।
मंत्र जाप करने के बाद लाल वस्त्र को सुरक्षित रखें। मां चंद्रघंटा को सेब, केला, दूध की मिठाई, खीर और अन्य भोजन दें, क्योंकि वे इन चीजों को बहुत पसंद करती हैं।
मां चंद्रघंटा की पूजा मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते महयं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
मां चंद्रघंटा
इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है क्योंकि उनकी माँ चंद्रघंटा के माथे पर एक अर्धचंद्र है। माता चंद्रघंटा को दस हाथ हैं। इनके दसों हाथों में युद्ध की मुद्रा है और उनके हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं।
इनकी पूजा करने वाले साहसी और साहसी बन जाते हैं। इनका संबंध मंगल ग्रह से है। इनकी आराधना से विनम्रता भी आती है।
नवरात्रि का तीसरा दिन
नवरात्रि का तीसरा दिन साहस का दिन है। इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने से हर भय दूर होता है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल कमजोर है, वे नवरात्रि के तीसरे दिन माता चन्द्रघण्टा की पूजा करनी चाहिए। नवरात्रि के तीसरे दिन एक विशिष्ट उपाय करने से व्यक्ति भयमुक्त हो जाता है।