जयपुर। राजस्थान सरकार ने 50 हजार पदों पर होने वाली महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती को रद्द कर दिया. राज्य में 2023-24 के बजट में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा इन भर्तियों की घोषणा की गई थी. इसे सरकार की शांति और अहिंसा विभाग द्वारा रद्द करने का आदेश दिया गया है.
आचार संहिता के कारण रुकी थी भर्तियाँ
गौरतलब है कि पिछली सरकार द्वारा मिले आदेश के बाद विभाग ने 13 अगस्त 2023 को संविदा आधार पर एक साल के लिए भर्ती करने का विज्ञप्ति भी जारी किया गया था जिसे बीजेपी सरकार ने रद्द कर दिया. बजट में प्रेरकों को हर महीने 4500 रुपये का स्टाइपेंड दिया जाना था. भर्ती को लेकर जयपुर हाईकोर्ट ने नियुक्ति पर सितंबर 2023 को रोक लगा दी. जिसके बाद फिर आचार संहिता लग गई और फिर नई सरकार ने भर्तियाँ रद्द कर दिया है.
गोडसे को मानने वाले गांधी के विचारों से सहमत नहीं
बीजेपी सरकार के इस फैसले पर राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर निशाना साधा, उन्होंने कहा, ”राजीव गांधी युवा मित्रों को हटाने के बाद भाजपा सरकार द्वारा 50 हजार महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती प्रक्रिया रद्द करना युवाओं के भविष्य पर कुठाराघात है महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों का काम अंहिसा, प्रेम और गांधी दर्शन का प्रचार-प्रसार करना था मगर जिन्हें गोडसे में विश्वास हो वो गांधी जी के विचारों को कैसे बढ़ा सकते है? इसीलिए इन्होंने ये कदम उठाया है.
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गौरतलब है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने ने कहा था कि बीजेपी सरकार पिछली किसी भी योजनाओं को खत्म नहीं करेगी. जिसके बाद फिर एक ही दिन के अंतराल पर सरकार ने दो योजनाओं को समाप्त करने की घोषणा कर दी. जिसके बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो रहा है.