उप-मुख्यमंत्री ने दर्ज कराया मानहानि का मुकदमा
जम्मू-कश्मीर के उप-मुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ सोशल मीडिया पर वायरल “आपत्तिजनक व बदनाम” सामग्री को हटाने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने मानहानि का मुकदमा भी दर्ज कराया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि फेसबुक पेज, यूट्यूब चैनल और अन्य प्लेटफार्मों पर उनको लेकर अश्लील और बदनाम करने वाले दावे किए गए हैं।
अदालत का रुख — प्रतिलिपि जमा करना ज़रूरी
मंगलवार (2 दिसंबर 2025) को सुनवाई के दौरान अदालत ने नोट किया कि याचिकाकर्ता द्वारा आपत्तिजनक सामग्री की कोई प्रमाणित प्रतिलिपि अभी तक प्रस्तुत नहीं की गई है। न्यायालय ने कहा कि बिना इस प्रतिलिपि के यह तय करना मुश्किल है कि सामग्री वास्तव में defamatory है या नहीं। साथ ही, अदालत ने सुरिंदर चौधरी से निर्देश दिया कि वे अपने मुकदमे में उस व्यक्ति या प्लेटफार्म को भी प्रतिवादी बनाएं जिसने वह कंटेंट अपलोड किया है।
मामला वायरल वीडियो और यौन-संबंधित दावों से जुड़ा
याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि सोशल मीडिया पर ऐसा कंटेंट अपलोड हुआ है जिसमें चौधरी के व्यक्तिगत संबंधों को लेकर भ्रामक व आपत्तिजनक बातें की गई हैं, जिसमें एक महिला के साथ उनके संबंध का दावा और उस आधार पर सेक्सुअल कथाएँ शामिल हैं। यह सामग्री वायरल होने के कारण उनका सार्वजनिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है। मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी, 2026 को निर्धारित की है।
यह मामला उसी समय आ रहा है जब सरकार और न्यायालय दोनों सोशल मीडिया व ऑनलाइन कंटेंट पर सख्त कदम उठा रहे हैं। हाल ही में MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) ने कंटेंट रिमूवल प्रक्रिया के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं — जिसमें किसी भी शिकायत पर तय समय-सीमा में हटाने व कारण बताने की बाध्यता तय की गई है।

