दिल्ली-NCR में हवा फिर ‘गंभीर’ स्तर पर; 39 में से 14 स्टेशनों पर AQI 400 के पार

दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता फिर “गंभीर” श्रेणी में ,  39 में से 14 से अधिक मॉनिटरिंग स्टेशनों पर AQI ‘Severe’. दिल्ली के कुछ हिस्से बुधवार सुबह धुंध की मोटी परत में लिपटे रहे और पिछले कुछ दिनों से वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणी के बीच बनी हुई थी। वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (EWS) के अनुसार, सुबह 7 बजे दिल्ली में औसत AQI 376 दर्ज किया गया।

दिल्ली-NCR में हवा फिर ‘गंभीर’ स्तर पर; 39 में से 14 स्टेशनों पर AQI 400 के पारDelhi – NCR  आज की वायु गुणवत्ता — चेतावनी जारी

3 दिसंबर 2025: दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता फिर “गंभीर” श्रेणी में ,  39 में से 14 से अधिक मॉनिटरिंग स्टेशनों पर AQI ‘Severe’. दिल्ली के कुछ हिस्से बुधवार सुबह धुंध की मोटी परत में लिपटे रहे और पिछले कुछ दिनों से वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणी के बीच बनी हुई थी। वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (EWS) के अनुसार, सुबह 7 बजे दिल्ली में औसत AQI 376 दर्ज किया गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, नेहरू नगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सबसे अधिक 436 दर्ज किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में है, इसके बाद चांदनी चौक में 431, आर के पुरम में 420 और रोहिणी में 415 दर्ज किया गया। नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 406 दर्ज किया गया। वहीं, ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 372 रहा। इस बीच सुबह 7 बजे के आंकड़ों के अनुसार गुड़गांव में AQI  352 दर्ज किया गया।

गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गई, इंदिरापुरम निगरानी स्टेशन पर AQI 405 और लोनी में 436 दर्ज किया गया।

क्या है हालात ? 

शहर का औसत AQI 372–380 के बीच रहा, जो पहले से “बहुत खराब / very poor” से भी ऊपर है। सर्दियों की ठंडी हवाएँ और हवा की गति में कमी के कारण, प्रदूषण फैलने की बजाय ज़मीन के पास ठहर जाता है जिससे हवा ज़हरीली हो रही है। वाहनों का धुआँ, धूल-कण, पराली जलाने और ठंड के कारण पड़ोस के राज्यों से आने वाला धुआँ मिलकर वायु को जहरीला बना रहा है।

जनता और स्वास्थ्य के लिए क्या मतलब

“Severe” वायु गुणवत्ता का मतलब है कि हवा में धूल-कण, प्रदूषक इतने ज़्यादा हैं कि श्वसन संबंधी समस्याओं, आंखों में जलन, खाँसी-साँस की तकलीफ होना आम है। बच्चे, बुज़ुर्ग और सांस की बीमारी वाले लोग विशेष रूप से जोखिम में ,  ऐसे में उन्हें बाहर निकलने से बचना चाहिए, मास्क पहनना चाहिए, और जरूरी हो तो एयर प्यूरिफायर या AC बंद करके एयर फिल्टर का उपयोग करें। अनावश्यक बाहर निकलने से बचें; अगर बाहर जाना है तो N95  मास्क पहनें। बच्चों, बुज़ुर्गों, गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर रखें ,  खिड़कियाँ और दरवाज़े बंद रखें।

धूल-मिट्टी, खुली आग, पत्थर या मिट्टी के काम छोड़ें — इससे और प्रदूषण फैलेगा। अधिक पानी पिएं, हल्का भोजन लें, और फेफड़ों को मजबूती देने के लिए doctor की सलाह लें।

CPCB मानकों के अनुसार, 0 से 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत खराब’ और 401-500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।

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