Delhi-NCR : सितंबर के महीने में, जब आसमान साफ और हवा में ताजगी महसूस होती है, दिल्ली-एनसीआर एक बार फिर प्रदूषण की चपेट में आ गया है। शहरों में धुंध छा गई है और सांस लेना मुश्किल हो गया है। ऐसा लग रहा है जैसे हम दिसंबर-जनवरी के प्रदूषण भरे महीनों में वापस चले गए हों।
पंजाब में पराली जलाने से बढ़ा प्रदूषण
इस प्रदूषण की मुख्य वजह पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाना है। पराली जलाने से निकलने वाला धुआँ हवा में मिलकर दिल्ली-एनसीआर तक पहुंच रहा है और हवा की गुणवत्ता को खराब कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी कोई सुधार नहीं
कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में पराली जलाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी और सरकार को इस पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। लेकिन इसके बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
दिल्ली-एनसीआर में खराब हवा की गुणवत्ता
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार शाम को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 200 के पार पहुंच गया, जो कि बहुत खराब माना जाता है। नोएडा का AQI 208 और गाजियाबाद का AQI 300 से भी अधिक रहा। गुरुग्राम में स्थिति थोड़ी बेहतर थी, लेकिन वहां भी AQI 150 के पार रहा।
सांसों की बीमारियों के मरीजों के लिए खतरा
यह बढ़ता प्रदूषण सांसों की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए बहुत खतरनाक है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है और उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है।