Dharmendra ancestral home Sahnewal village: हिंदी सिनेमा के ‘ही-मैन’, धर्मेंद्र (Dharmendra), सोमवार, 24 नवंबर की सुबह 89 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह गए। दशकों तक लाखों दिलों पर राज करने वाले इस मेगा स्टार के निधन से पूरे सिनेमा जगत और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है। उम्र संबंधी बीमारियों से जूझते हुए उन्होंने मुंबई स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली। हालांकि, ‘धरम पाजी’ ने अपनी सफलता का सफर मुंबई से शुरू किया, लेकिन उनका दिल हमेशा पंजाब की मिट्टी में बसा रहा।
आज, जब हिंदी सिनेमा ने अपना एक चमकता सितारा खो दिया है, तो हर कोई उनके उस प्यारे बचपन और लुधियाना के साहनेवाल गांव को याद कर रहा है, जिसने देश को यह महान कलाकार दिया। यह वो गलियाँ हैं जहाँ वह खेले, दौड़े और अपनी शुरुआती शिक्षा पाई, एक ऐसे पिता के मार्गदर्शन में जो खुद एक सख्त हेडमास्टर थे। इस गांव ने उन्हें नाम दिया और आज यह गांव उनकी पहचान बन गया है।
पंजाब दे पुत्तर धर्मेंद्र: लुधियाना के इस घर में बीता ‘धरम पाजी’ का बचपन
मशहूर अभिनेता Dharmendra का निधन। आज हिंदी सिनेमा ने अपना ‘ही-मैन’ खो दिया। उनके पैतृक घर, लुधियाना के साहनेवाल गांव में उनका बचपन बीता। उनके बचपन की कहानियाँ आज भी गांव की गलियों में गूंजती हैं।

साहनेवाल: वह गांव, जिसने दिया बॉलीवुड को ‘ही-मैन’
Dharmendra जी का जन्म भले ही साहनेवाल से लगभग 25 किलोमीटर दूर नसराली गांव में हुआ था, लेकिन उनके बचपन का अधिकांश समय लुधियाना के साहनेवाल गांव में बीता। उनका पैतृक घर आज भी इसी गांव में मौजूद है।
वह घर, जहाँ धरम पाजी अपने माता-पिता के साथ रहते थे, गांव वालों के लिए एक तीर्थ स्थान से कम नहीं है। धर्मेंद्र के पिता, जो एक स्ट्रिक्ट हेडमास्टर थे, साहनेवाल के स्थानीय स्कूल में बच्चों को पढ़ाते थे। धरम पाजी की शुरुआती शिक्षा भी उसी स्कूल में हुई थी। गांव के लोग आज भी याद करते हैं कि कैसे उनके पिताजी का कड़क स्वभाव छात्रों को अनुशासित रखता था।
साहनेवाल के लोग गर्व से कहते हैं कि यह गांव पहले इतना प्रसिद्ध नहीं था, लेकिन धर्मेंद्र ने अपनी मेहनत से इसे विश्व मानचित्र पर ला दिया। वे आज भी अपने Dharmendra ‘धरम पाजी’ को अपना सबसे बड़ा दीवाना मानते हैं। उनकी सफलता की नींव इसी गांव की धूल और इन गलियों के प्यार ने रखी थी, जहाँ उन्होंने दौड़ना, खेलना और सपने देखना सीखा। मुंबई की चकाचौंध से दूर, इस शांत और सरल परिवेश ने ही उस व्यक्तित्व को आकार दिया, जिसने बाद में परदे पर रोमांस, एक्शन और कॉमेडी का बेजोड़ संगम पेश किया।