नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) और उनके पूर्व कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ लगातार कानूनी मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। हाल ही में उनके खिलाफ पांच नए हत्या के मामले दर्ज हुए हैं। बताया जा रहा है कि ये हत्याएं बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थीं। इन पांच हत्या के मामलों के साथ शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ अब कुल मामलों की संख्या अब 89 हो गई है।
शेख हसीना (Sheikh Hasina) के खिलाफ ये मामले ढाका के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में दर्ज किए गए हैं। उनके साथ पार्टी के महासचिव ओबैदुल कादर और 339 अन्य लोगों के नाम भी इन मामलों में शामिल हैं। पीड़ितों के रिश्तेदारों ने सोमवार को ढाका के अलग-अलग मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में ये मामले दर्ज कराए। छात्रों का विरोध प्रदर्शन जुलाई में शुरू हुआ था।
प्रदर्शनों की शुरुआत से अब तक मृतकों की संख्या 600 से ज्यादा हो चुकी है। जब प्रदर्शन हिंसक हो गए थे तो शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और 5 अगस्त को उनकी अवामी लीग सरकार को सत्ता से हटा दिया गया था। अब मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार देश का संचालन कर रही है और सभी निर्णय उन्हीं के हाथ में हैं।
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शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने बांग्लादेश पर कई सालों तक शासन किया था। हसीना भारत भागकर आ गई थी, जहां वह अब तक रह रही हैं। बांग्लादेश ने उनके डिप्लोमैटिक पासपोर्ट को भी रद्द कर दिया है, जिसका इस पासपोर्ट की बदौलत ही शेख हसीना भारत में शरण लेने में कामयाब हुई थी। पासपोर्ट रद्द होने के बाद शेख हसीना पर अब बांग्लादेश लौटने का दबाव बढ़ेगा। बता दें, कि यह पहली बार नहीं है जब शेख हसीना भारत में शरण ले रही हैं। इससे पहले भी वह यहां शरण ले चुकी हैं।