Firozabad : ज़िम्मेदारियों के बोझ तले नहीं कर पाई पढ़ाई का रुख, खुद रह गई अनपढ़ पर भाई-बहनों को सफल बनाया

फिरोजाबाद की प्रीति जिम्मेदारियों के चलते पढ़ाई-लिखाई नहीं कर पाईं। फिर भी, उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझा।

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Firozabad : फिरोजाबाद के नगला सोती गांव की रहने वाली प्रीति, बचपन में ही आर्थिक मुश्किलों और पारिवारिक हालात के कारण पढ़ाई से वंचित रह गई थीं।

परिवार की खराब आर्थिक स्थिति और बीमार मां की देखभाल की जिम्मेदारी ने उन्हें छोटी उम्र में ही शिक्षा से दूर कर दिया। चूड़ियों का काम करने वाली प्रीति को अपने काम का हिसाब-किताब करना नहीं आता था, जिससे उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। तब उन्होंने पढ़ाई करने का निर्णय लिया और गांव के सरकारी स्कूल के शिक्षक से संपर्क किया, जिससे उनकी शिक्षा की यात्रा शुरू हुई।

प्रीति की कहानी

प्रीति ने अपने घर की जिम्मेदारियों के कारण खुद पढ़ाई नहीं कर पाई थीं। लेकिन उन्होंने अपने तीन छोटे भाई-बहनों को पढ़ा लिखा कर एक बेहतर भविष्य देने का फैसला किया। उन्होंने अपने भाई-बहनों को इंटर तक पढ़ाया, लेकिन खुद को पढ़ाई का मौका नहीं मिल पाया। शादी के बाद, जब उन्हें दैनिक जीवन में पढ़ने-लिखने की बहुत जरूरत महसूस हुई, तो उन्हें एहसास हुआ कि शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है।

अपने गांव के सरकारी स्कूल के शिक्षक मनोज कुमार की मदद से, प्रीति ने साक्षरता मिशन के तहत पढ़ना शुरू किया। अब वे अपना नाम लिख सकती हैं और गणित भी समझ सकती हैं। पहले वे अपना अंगूठा लगाकर काम करती थीं, लेकिन अब वे शिक्षित होकर आत्मनिर्भर बन गई हैं।

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प्रीति का सपना है कि वे आगे पढ़कर एक अच्छी नौकरी हासिल करें। साक्षरता मिशन ने उन्हें शिक्षा की ओर प्रेरित किया है और अब वे भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करना चाहती हैं।

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