Ghaziabad: जूस में यूरिन मिलाने के आरोप में दुकानदार गिरफ्तार, विधायक ने की NSA कि मांग

गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में एक जूस की दुकान पर जूस में यूरिन मिलाकर पिलाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस घटना में दुकान संचालक पिता और उसके नाबालिग बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना से गुस्साए लोगों ने क्षेत्र की कई जूस की दुकानों को जबरन बंद करवा दिया। आइए जानते हैं पूरी घटना की विस्तार से।

Ghaziabad

Ghaziabad: गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में एक जूस की दुकान पर जूस में यूरिन मिलाने के गंभीर आरोप लगे हैं। शुक्रवार शाम को ‘खुशी जूस एंड शेक’ नामक दुकान पर जूस में यूरिन मिलाकर पिलाने की घटना सामने आई, जिससे गुस्साए लोगों ने कई दुकानों को बंद करवा दिया। पुलिस ने आरोपी दुकानदार और उसके नाबालिग बेटे को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है।

जूस में यूरिन मिलाकर पिलाने का शक

शुक्रवार शाम को इंदिरापुरी पुलिस चौकी के पास स्थित ‘खुशी जूस एंड शेक’ नामक दुकान पर कुछ लोग जूस पीने पहुंचे थे। आरोप है कि दुकानदार आमिर ने जूस में चुपके से यूरिन मिलाया। इस पर वहां मौजूद कस्टमरों ने उसे पकड़ लिया और पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद स्थानीय लोग भी जमा हो गए और उन्होंने भीड़ के साथ आमिर और उसके नाबालिग बेटे की पिटाई की।

पुलिस ने मौके से रिकवर किया एक लीटर यूरिन

सूचना मिलने पर Ghaziabad पुलिस मौके पर पहुंची और दुकानदार को भीड़ से छुड़ाया। पुलिस ने जब दुकान की तलाशी ली, तो उन्हें एक प्लास्टिक कैन में करीब एक लीटर यूरिन मिला। पुलिस ने तत्काल आमिर और उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है।

“मार्केट में टॉयलेट नहीं, इसलिए बोतल में यूरिन रखा”

दुकानदार आमिर ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि बाजार में टॉयलेट की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते वो यूरिन को बोतल में इकट्ठा कर लेते थे और बाद में फेंक देते थे। हालांकि, पुलिस इस बयान को मानने से इंकार कर रही है और इस मामले की जांच कर रही है।

आसपास के दुकानदारों की प्रतिक्रिया

आसपास के दुकानदारों का कहना है कि मार्केट में टॉयलेट नहीं होने की बात सही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि खाने-पीने की दुकानों पर ही बाथरूम किया जाए। एक दुकानदार आयुष जैन ने बताया कि उन्होंने खुद आमिर को बोतल में यूरिन करते हुए देखा था।

लोगों का गुस्सा और जबरन दुकानें बंद कराई गईं

घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा फैल गया। गुस्साए लोगों ने शनिवार को इलाके में घूम-घूमकर जूस की कई दुकानों को जबरन बंद करवा दिया। लोगों ने दुकानदारों के आधार कार्ड चेक किए और जिनके पास आधार कार्ड नहीं थे, उन्हें मुस्लिम मानते हुए उन पर जूस में मिलावट करने का शक जताया।

यहां पढ़ें: अखिलेश को मठाधीश में माफिया और एनकाउंटर में दिखती है जाति, अयोध्या की बेटी के मामले में पीडीए गायब क्यों?

विधायक और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

Ghaziabad लोनी क्षेत्र के बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सिर्फ यूरिन मिलाने का मामला नहीं हो सकता, बल्कि दुकानदार जूस में जहर भी मिला सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगना चाहिए और जनता को इन दुकानों से सामान नहीं खरीदना चाहिए। उन्होंने इसे सनातन धर्म के खिलाफ एक साजिश बताया और कहा कि सरकार द्वारा दुकानदारों के ओरिजिनल नाम लिखवाने का फैसला सही था।

फूड सेफ्टी विभाग की जांच

Ghaziabad पुलिस के साथ-साथ फूड सेफ्टी विभाग ने भी इस मामले में सैंपलिंग कराई है। जूस और शेक के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं ताकि यह पुष्टि हो सके कि उसमें यूरिन मिलाया गया था या नहीं।

कानूनी विशेषज्ञ की राय

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने इस घटना पर अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह पहला मामला नहीं है और इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं। उपाध्याय ने सुझाव दिया कि भारतीय शिक्षा प्रणाली में नैतिक शिक्षा और संस्कारों को शामिल करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में कानून का डर और नैतिकता होने से ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है।

Exit mobile version