Haryana 2024: हरियाणा की राजनीति में ताऊ देवीलाल की विरासत की जंग एक बार फिर से गर्म हो गई है। इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) नेता अभय चौटाला और उनके भतीजे, जननायक जनता पार्टी (JJP) नेता दुष्यंत चौटाला, एक बार फिर आमने-सामने हो सकते हैं। अभय चौटाला, जो वर्तमान में ऐलनाबाद से विधायक हैं, इस बार दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, जिसमें उनके भतीजे दुष्यंत चौटाला के गढ़ उचाना कलां से भी ताल ठोकने की संभावना है। इस राजनीतिक मुकाबले को ताऊ देवीलाल की राजनीतिक विरासत को संभालने की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें INLD और JJP के बीच सत्ता की जंग और भी तेज हो गई है।
अभय चौटाला का संकेत
Abhay Chautala ने खुद इस बारे में संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वह दो स्थानों से चुनाव (Haryana 2024) लड़ेंगे और दूसरी सीट का निर्णय कार्यकर्ता करेंगे। लोकसभा चुनावों से पहले अपनी पदयात्रा के दौरान, Abhay Chautala ने घोषणा की थी कि INLD Uchana Kalan से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। INLD ने Bahujan Samaj Party (BSP) के साथ गठबंधन के बाद Abhay Chautala को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया है।
दुष्यंत और अभय के बीच 36 का आंकड़ा
पूर्व उपमुख्यमंत्री Dushyant Chautala और Abhay Chautala के बीच राजनीतिक तनाव है। सार्वजनिक मंचों और विधानसभा के भीतर दोनों के बीच तीखी बहसें हो चुकी हैं। Jannayak Janta Party (JJP) के उम्मीदवार Uchana से Dushyant Chautala हैं, जबकि उनके मुकाबले Congress के प्रत्याशी Brijendra Singh हैं, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री Chaudhary Birender Singh के बेटे हैं।
गठबंधन और चुनावी संभावनाएं
इस समय BSP के साथ गठबंधन करके INLD नेता Abhay Chautala उत्साहित हैं। JJP का वोट बैंक (Haryana 2024) अब INLD की तरफ आने की उम्मीद है, क्योंकि JJP का संगठन बिखर चुका है। INLD का पुराना वोट बैंक, ओम प्रकाश चौटाला की बढ़ती उम्र को देखते हुए, सहानुभूति के आधार पर Abhay Chautala की तरफ शिफ्ट हो सकता है।
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चुनाव लड़ने के राजनीतिक मायने
Abhay Chautala का Uchana Kalan से चुनाव लड़ने का कई राजनीतिक मायने हैं। पहला, JJP का संगठन कमजोर हो गया है, जबकि पिछली बार इसी स्थिति में INLD थी। उस समय सहानुभूति के कारण JJP ने दस सीटें जीती थीं, और INLD केवल एक सीट पर सिमट गई थी।
अब, Abhay Chautala अपने भतीजे से राजनीतिक हिसाब बराबर करने (Haryana 2024) के मूड में हैं। दूसरा बड़ा कारण ताऊ Devi Lal की विरासत को संभालने की लड़ाई है। पूर्व मुख्यमंत्री Om Prakash Chautala ने पहले ही Abhay Chautala को अपना राजनीतिक वारिस घोषित कर दिया है। अगर Abhay, Dushyant को Uchana Kalan में चुनौती देते हैं और जीतते हैं, तो जींद क्षेत्र में INLD की पकड़ मजबूत हो जाएगी।
ताऊ देवीलाल की विरासत की लड़ाई
Uchana से ही यह तय होगा कि ताऊ Devi Lal की राजनीतिक विरासत को कौन संभालेगा। Dushyant Chautala ने भी अपनी पूरी ताकत इस चुनाव में झोंक दी है। वह Uchana में पिछले साढ़े चार सालों में किए गए विकास कार्यों के नाम पर वोट मांग रहे हैं।